रंग भरी ये होली
आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… रचना शिल्प:सार छंद..... आई सुंदर आज देख लो,रंग भरी ये होली।रंग भरी पिचकारी ले लो,आओ रे हमजोली॥ छेड़ो सब जन…
आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… रचना शिल्प:सार छंद..... आई सुंदर आज देख लो,रंग भरी ये होली।रंग भरी पिचकारी ले लो,आओ रे हमजोली॥ छेड़ो सब जन…
नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** जब से हम-तुम साथ हुए हैं,जीवन के पल खास हुए हैं।पल-पल खुशियों में बीतें अब,मखमल से आभास हुए हैं॥ तनहाई का आलम तम-सा,पुरवाई का संग मद्धिम-सा।गीत विरह…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** मन में जीने की आस लिएअरु एक अटल विश्वास लिए।कैसे पहुंच मैं जहां है तू,बता ऐ जीवन कहां है तू॥ क्या फूलों में खारों में है,क्या…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** चल रहे वक्त के साथ धरती गगन,सृष्टि की बन धुरी जिन्दगी पल रही।चाल कायम रहे कुदरती देन की,कह सकें सब यहाँ जिन्दगी चल रही॥चल…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* उत्तम खेती वाला जिसको,मिला न एक निशान।अपना अन्न लिए बुग्गी में,जाता दुखी किसान॥ जोड़ रहा था रस्तेभर वो,लगे फसल पर दाम,बीज खाद बिजली पानी पे,खर्चा हुआ…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ दीप तेरी जलन का तो,है नहीं उपमान कोई।है अनोखी जलन तेरी,तू जले हर बार बुझ करशलभ भी जलता न कोई,बुझ चुके तो नेह भर-भर।हो गया अभिशप्त तू,या,पा गया…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************* अंधकार में हम साहस से,दीप जलाते हैं।आज़ादी के मधुर तराने,नित हम गाते हैं॥ चंद्रगुप्त की धरती है यह,वीर शिवा की आन हैराणाओं की शौर्य धरा…
आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* सभी धुरी माँ केन्द्र धरा पर,नारी ही वरदान शान है।दिव्य किरण का तेज ओज वो,ईश्वर का अभिदान शान है॥ अनुपम निर्मल प्रेम धार से,करे सुरक्षा प्रेम…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************ हे त्रिपुरारी,औघड़दानी,सदा आपकी जय हो।करो कृपा,करता हूँ वंदन,यश मेरा अक्षय हो॥ तुम तो हो भोले भंडारी,हो सचमुच वरदानी।भक्त तुम्हारे असुर और सुर,हैं सँग मातु भवानी।यही…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… रचनाशिल्प:२२१ २१२ २१२ २तुम केन्द्र,हम धुरी हैं तुम्हारी,तुमसे ही जिन्दगी है हमारी।कहते सभी तुम्हें अबला नारी,तुम केन्द्र,हम…धुरी हैं तुम्हारी॥ सबको…