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चंचल-चपला चंद्रमुखी

सुदामा दुबे 
सीहोर(मध्यप्रदेश)

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चंचल-चपला-सी चंद्रमुखी,
फूलों-सी लगे महकी-महकी।
गुलमोहर-सा सिंदूरी बदन,
हिये प्रीत अगन दहकी-दहकी॥

निकसी श्रृंगार किए घर से,
अपने प्रीतम से मिलने को।
गुलनार सुघड़ मनमोहिनी-सी,
भावों से भरी गहकी-गहकी॥
चंचल-चपला-सी…

रसना से मौन लिए गौरी
अधरन पर प्यास छुपाये हुए।
कजरारी-सी बिखरे अलकें,
मतवारी लगे बहकी-बहकी॥
चंचल-चपला-सी…

अल्हड़-अलबेली बावरी-सी,
यौवन में चूर हुई अपने।
अँखियन से इत-उत को ताँके,
पंछी-सी लगे चहकी-चहकी॥
चंचल-चपला-सी…

बिंदिया दमके घन बिजुरी-सी,
झूमे झुमके श्रुति सारंग से।
पग में पहने पायल प्यारी,
झंकार करे ठहकी-ठहकी॥
चंचल-चपला-सी…

परिचय: सुदामा दुबे की की जन्मतिथि ११ फरवरी १९७५ हैL आपकी शिक्षा एम.ए.(राजनीति शास्त्र)है L सहायक अध्यापक के रूप में आप कार्यरत हैं L श्री दुबे का निवास सीहोर(मध्यप्रदेश) जिले के बाबरी (तहसील रेहटी)में है। आप बतौर कवि काव्य पाठ भी करते हैं। लेखन में कविता,गीत,मुक्तक और छंद आदि रचते हैंL

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