‘मित्र’ रत्न को संजोकर अवश्य रखें

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)********************************************** मित्रता और जीवन... मानव एक सामाजिक प्राणी है और वह समाज से ही सीखता है। शिशु अवस्था में वह अपने माता-पिता, भाई-बहिनों के अलावा परिजनों से सीखता है…

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ममता सरकार की दुर्दशा

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* प. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार भयंकर दुर्गति को प्राप्त हो गई है। कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि, ममता बैनर्जी की सरकार इतने…

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जीना सिखाती है दोस्ती

ललित गर्गदिल्ली************************************** मित्रता और जीवन.... मैत्री (मित्रता) दिवस के पीछे की भावना हर जगह एक ही है-मित्रता एवं दोस्ती का सम्मान। मैत्री का दर्शन बहुत विराट है, स्वस्थ निमित्तों की…

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तरक्की में बाधक के लिए दंड आवश्यक

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** आज से नहीं…वर्षों से जिस दल का सबसे अधिक समय शासन रहा, उनके नेता दुबई जाते रहे हैं, लेकिन दुबई से कुछ नहीं सीखा। यदि सीख लेते…

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बेतुके बोलते अ ‘धीर’ से घायल कांग्रेस

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बिखरी, अनुशासनहीन और मनमर्जी सहित कार्यकर्ताओं से इतर 'परिवारवाद' से चलाई जा रही कांग्रेस में बेतुके बोलने वालों की कोई कमी अब तक नहीं हुई है, यह…

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सामर्थ्य के विमर्श में मातृभाषा की भूमिका

डॉ. गिरीश्वर मिश्र, गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************* मनुष्य इस अर्थ में भाषाजीवी कहा जा सकता है कि, उसका सारा जीवन व्यापार भाषा के माध्यम से ही होता है। उसका मानस भाषा में ही…

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चिकित्सा की पढ़ाई हिंदी में

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* आजादी के ७५ वें साल में मैकाले की गुलामगिरी वाली शिक्षा पद्धति बदलने की शुरुआत अब मध्यप्रदेश से हो रही है। इसका श्रेय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज…

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राष्ट्रवाद:एक अवलोकन व विवेचना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* `राष्ट्र` की परिभाषा एक ऐसे जन समूह के रूप में की जा सकती है, जो एक भौगोलिक सीमाओं में एक निश्चित देश में रहता हो,…

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‘जनभाषा में न्याय’ के लिए आयोग का गठन हो

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि "इससे बढ़कर जुल्म क्या हो सकता है कि मुझे अपने देश में इंसाफ पाने के लिए भी अंग्रेजी की…

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‘सकारात्मकता’ ही मानसिक अवसाद का इलाज

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* आधुनिक समय में प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने संघर्षों से जूझ रहा है। एक से एक बढ़कर आकर्षित रहन-सहन, ऊँचे-ऊँचे पद पर स्वयं को आसीन करने की तीव्र…

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