साहित्य अकादमी की नव पहल कृष्णकुमार अष्ठाना स्मृति प्रसंग
इंदौर (मप्र)। प्रख्यात बाल साहित्यकार कृष्ण कुमार अष्ठाना अब संस्कृति मंत्रालय के कला पंचांग में सम्मिलित होकर प्रतिवर्ष स्मरण किए जाएंगे। उनको यह श्रद्धासुमन बाल साहित्य विमर्श के रूप में…
इंदौर (मप्र)। प्रख्यात बाल साहित्यकार कृष्ण कुमार अष्ठाना अब संस्कृति मंत्रालय के कला पंचांग में सम्मिलित होकर प्रतिवर्ष स्मरण किए जाएंगे। उनको यह श्रद्धासुमन बाल साहित्य विमर्श के रूप में…
भोपाल (मप्र)। विदेश मंत्रालय (भारत सरकार) के स्वामी विवेकानंद सास्कृतिक केंद्र (कोलम्बो) द्वारा प्रथम भारत-श्रीलंका हिंदी सम्मेलन का आयोजन कोलंबो में 'विश्व हिंदी दिवस' पर किया गया है। इस सम्मेलन…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* चिंतन... वर्तमान में चुनावी कार्यकाल में सब दल दिल खोलकर जनता को प्रलोभन देकर चुनाव जीतना चाहते हैं। कोई न कोई दल सत्तारूढ़ होगा और उसके द्वारा इतनी…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* चिंतन... किसी भी देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रधान-मुखिया की आस्था पर निर्भर करता है। मुखिया का प्रभाव जनता पर पड़ता है और जनता की भावनाएं मुखिया…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* चिंतन.... स्वतंत्रता की भूमिका हमारे देश में १८५७ से शुरू हुई थी, जिसमें मंगल पांडेय, झाँसी की रानी जैसे हजारों लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था।…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** विज्ञान वरदान के साथ अभिशाप भी होता है। आज मोबाइल हमारे जीवन का अनिवार्य अंग बन गया है और जो उपयोग करते हैं, वे मोबाइल के व्यसनी हो…
ललित गर्गदिल्ली************************************** विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (१० सितंबर) विशेष.... बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं एक ऐसा बदनुमा दाग है, जो हमारे तमाम विकास एवं शिक्षित होने के दावों को खोखला करता…
ललित गर्गदिल्ली************************************** राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (३ अगस्त) जन्म जयन्ती इतिहास और साहित्य में ऐसी प्रतिभाएं कभी-कभी ही जन्म लेती हैं, जो बनी बनाई लकीरों को पोंछकर नई लकीरें बनाते हैं।…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** चिंतन.... १५ अगस्त १९४७ को इंडिया गुलामी की जंजीरों से मुक्त हुआ और हमने अमन- चैन की सांस ली। उस समय सभी कौम ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** चिंतन.. दुनिया में अच्छा करने के लिए हमें इस जीवन में दु:ख की जरूरत नहीं है। हममें से कई लोगों का यह गहरा विश्वास है कि दुनिया में…