भारत की उड़ान ‘चंद्रयान’

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** भारत पर पंचम लहराया। चंद्रयान शुभ लक्ष्य दिखाया॥चाँद गगन पर शोभित सुंदर। देश हमारा सबसे बढ़कर॥ वैज्ञानिक ने लक्ष्य बनाया। नव पथ पर नित केन्द्र लगाया॥सूक्ष्म गहन…

Comments Off on भारत की उड़ान ‘चंद्रयान’

मणिपुर की दरिंदगी

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** दरिंदगी अरु खेल तमाशा।नारी रोती टूटे आशा।जानवरों से बत्तर जानें।मणिपुर की यह घटना जानें॥ आज देश फिर हुआ कलंकित।निर्लज मानव में कुछ अंकित।अनाचार की सीमा तोड़े।दरिंदगी से…

Comments Off on मणिपुर की दरिंदगी

भोर वंदना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* हे प्रभु जग का कल्याण करो।निज रचना में प्रभु प्राण भरो॥जीवन नहिं सृष्टि बिना सजता।लेकिन यह समझ नहीं सकता॥ बिन ज्योति जगत में अंधियारा।प्रभु ज्योति…

Comments Off on भोर वंदना

सत्यमेव जयते पथ चलना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सत्यमेव जयते पथ चलना, कभी न फिर तुम आँखें मलना।जीवन में अच्छाई वरना, हर दुर्गुण को नित ही हरना॥ सत्यमेव जयते हो रहना, नेह-नीर होकर तुम…

Comments Off on सत्यमेव जयते पथ चलना

हाथों में है ईश समाया

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** चिकित्सकों को नमन करूँ मैं। कर्म लगन पर ध्यान धरूँ मैं।कलयुग के अवतार यही है। फर्ज ध्येय से मुड़े नही है॥ 'कोरोना' की विषम घड़ी में। जुड़े…

Comments Off on हाथों में है ईश समाया

मानवता निभाना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मानवता का धर्म निभाना। ख़ुद को चोखा रोज़ बनाना॥बुरे सोच को दूर भगाना। प्रेमभाव को तुम अपनाना॥ दयाभाव के फूल खिलाना। पर-उपकारी तुम बन जाना॥झूठ कभी…

Comments Off on मानवता निभाना

गुरुवर वाणी

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* यदि आप नहीं होते, तो…(शिक्षक दिवस विशेष).... चरण कमल पर पाँव धरू मैं। शत-शत वंदन नमन करूँ मैं।शिक्षक मानव जीवन गढ़ता। नित पथ पर बालक है…

Comments Off on गुरुवर वाणी

अरण्य बचाओ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* है अरण्य हसदेव हमारा।राज्य धरा पर लगता न्यारा॥कभी न उजड़े वैभव काया।जीवन सेहत इससे पाया॥ लोभ मोह को सारें भूलें।माथ लगाकर इसको छू लें॥शुद्ध हवा का…

Comments Off on अरण्य बचाओ

गर्मी आई

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* पतझड़ बीता गर्मी आई।सूरज ने भी धूम मचाई॥ताल-तलैया सूखे सारे।प्राणी सब गर्मी के मारे॥ ग्रीष्म सदा सबको तड़पाती।तन-मन में यह आग लगाती॥सूरज भू को खूब तपाता।सिर…

Comments Off on गर्मी आई

ग्रीष्म ऋतु आई

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचना शिल्प:१६ -१६ मात्रा... गया बसंत, ग्रीष्म ऋतु आई।तपती धूप संग में लाई॥सूखी धरती घास फूस अब।जल के स्रोत कुँए धारे सब॥ प्यासी चिड़िया, कौए, चातक।जाते…

Comments Off on ग्रीष्म ऋतु आई