परिणीता डोली उठी
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* डोली परिणीता उठी, लेकर चले कहार।समदाउन के गीत से, बही अश्रु की धार॥ मातु-पिता से ले विदा, चली सुता ससुराल।परिणीता आँसू नयन, दुखद विदाई काल॥ डोली से उतरी वधू, आयी खुशी बहार।सासू ने की आरती, छेंकी दुल्हन द्वार॥ बाजे-गाजे मुदित सब, प्रीति भोज तल्लीन।प्रीति मिलन की खुशी भी, स्वजन … Read more