माँ दुर्गा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* माता जगदम्बे नमन्, सदा झुका मम् माथ।जननी तेरा नित रहे, मेरे सिर पर हाथ॥ नौ रूपों में आप तो, रहतीं हरदम भव्य।रोशन तेरी दिव्यता, महिमा हर पल श्रव्य॥ साँचा है दरबार माँ, है कितना अभिराम।जिसने भी श्रद्धा रखी, बनते उसके काम॥ मातारानी नेहमय, देती हैं आलोक।सिंहवाहिनी की दया, करे परे हर … Read more

सवाल

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* जीवन एक सवाल है, जिसका नहीं जवाब।उलझा रहता है सदा, रहे मनुज बेताब॥ जीवन में हर रोज ही, आते नए सवाल।इनसे लड़ना है हमें, चलके अपनी चाल॥ जीवन की मजबूरियां, बनती एक सवाल।दूर इन्हें करना हमें, हिम्मत से हर हाल॥ डरना नहीं सवाल से, ढूंढे सही जवाब।देखें जीवन में सदा, नित्य … Read more

फल यहीं मिलता सदा

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* उल्टे-सीधे छोड़ कर, दुनिया के व्यापार।जीवन को नित दीजिए, सेहत का उपहार॥ मानवता को कर रहे, हर रोज़ खण्ड-खण्ड।जो फैलाते फिर रहे, कदम-कदम पाखण्ड॥ किस मुँह से जनता कहे, उसको फिर सरकार।सेवा-सुश्रुषा भूल कर, करती जो व्यापार॥ दुष्कर्मों का फल यहीं, मिलता सदा जनाब।करता जो भी है बुरा, झेले … Read more

छल-बल का परित्याग

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* छल-बल में क्या रखा, ये लाते दुष्परिणाम।पतन सुनिश्चित ये करें, हैं दु:ख के आयाम॥ छल-बल मात्र प्रपंच हैं, बचना इनसे आज।वरना तय होगा यहाँ, झूठ-कपट का राज॥ छल-बल तो अभिशाप हैं, नीचा करें चरित्र।इनसे बिगड़े है मनुज, होता थोथा चित्र॥ छल-बल को त्यागो अभी, तभी बनेगी बात।वरना जीवन को समझ, ख़ुद … Read more

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** श्री शिवाय रटते रहो,जब तक तन में श्वाँस।शंकर-कंकर नाथ प्रभु,करते पूरी आस॥ शिव की महिमा क्या कहूँ, देते हाथ पसार।आशा अरु विश्वास से, जाओ हर के द्वार॥ देवों के वो देव है, कालों के वो काल।शोभित डमरू हाथ में, है त्रिपुंड निज भाल॥ शिव महिमा गुणगान से, मिटे सकल संताप।श्रद्धा … Read more

गाँव की बेटी रचती है सम्मान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* बेटी भाती गाँव की, जो गुण से भरपूर।जहाँ पहुँच जाती वहाँ, बिखरा देती नूर॥ बेटी प्यारी गाँव की, प्रतिभा का उत्कर्ष।मायूसी को दूरकर, जो लाती है हर्ष॥ बेटी जो है गाँव की, करना जाने कर्म।हुनर संग ले जूझती, सतत् निभाती धर्म॥ गाँवों की बेटी सुघड़, बढ़ती जाती नित्य।चंदा-सी शीतल लगे, दमके … Read more

युवाशक्ति को नमन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* युवाशक्ति को है नमन्, जो रचती इतिहास।हो हिमगिरि-सा दृढ़ युवा, ऊँचा ज्यों आकाश॥ युवा उठे तो हो सृजन, विचले तो विध्वंस।युवा विवेकानंद है, है मानस का हंस॥ तूफ़ानों को जीतकर, ला दे नवल विहान।युवा सदा गतिशील है, है वह मंगलगान॥ भगतसिंह,सुखदेव है, युवा लगे ‘आज़ाद’।हर बाधा से लड़ करे, युवा वतन … Read more

नारी रूप अपार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नवदुर्गा नवशक्ति है, सुता वधू प्रिय अम्ब।लज्जा श्रद्धा पतिव्रता, नारी जग अवलम्ब॥ करुणा ममता हिय दया, क्षमा प्रेम आगार।प्रतिमा नित सम्वेदना, नारी रूप अपार॥ तू जननी जगदम्बिका, उर सिंचित सन्तान।रूपमती गुण कर्म से, बहना प्रीत महान॥ छायांचल वात्सल्य से, हरती सन्तति ताप।हाथ प्रेम सिर फेरती, पावन शीतल आप॥ नारी … Read more

नारी तू नारायणी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी: मर्यादा, बलिदान व हौसले की मूरत… नारी तू नारायणी, है दुर्गा का रूप।रमा,उमा,माँ शारदे, में तेरी ही धूप॥ नारी तू नारायणी, ज्ञान,चेतना,मान।जिस गृह रहती तू वहाँ, पलता नित उत्थान॥ नारी जब तू खुश रहे, तब ख़ुश हो परिवार।तुझसे ही बरकत पले, महक उठे संसार॥ नारी तू खुश हो सदा, बांटे … Read more

रंगों से रंजित हृदय

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* होली है भज राम को, रंग हृदय घनश्याम।सत्यं शिव सुन्दर स्वयं, शिव मंगल सुखधाम॥खिले भक्ति हिय अरुणिमा, फागुन रंग बयार।पौरुष परहित पथ किरण, रिमझिम प्रेम फुहार॥ खिले कुसुम नव आश मन, सुरभित हो विश्वास।संयम मेधा रंग से, रंग सुपथ रवि भास॥ आलिंगन फागुन महक, रंगों का त्यौहार।दीन धनी खुशियाँ … Read more