झूठ

डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’रायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* बात करो तुम सत्य ही,झूठ कभी मत बोल।मिथ्या भाषा छोड़ तू,वाणी है अनमोल॥ सत्य झूठ में भेद अति,करलो सच पहचान।जीवन में हो सत्यता,बनो श्रेष्ठ इंसान॥ झूठा बनकर सामने,खड़ा हुआ हूँ शांत।गलत लगा आरोप है,उससे मन है क्लांत॥ चमक-दमक की होड़ में,सभी रखे अरमान।छोटी-छोटी बात पर,बना झूठ है शान॥ क्षणिक खुशी के … Read more

सफ़र

जबरा राम कंडाराजालौर (राजस्थान)**************************** चलता रहता है सफर,जीवन के पल चार।प्रतिपल सोच-विचार का,दिन में बार हजार॥ सोने-जगने का सफर,करने का कुछ काम।सैर-सपाटे घूमने,छुटपुट काम तमाम॥ खाने-पीने और सब,रहत चलत हर रोज।सफर कई हैं भांत के,मिले करे ज्यों खोज॥ घड़ी दिवस पल मास का,साल सदी के पार।सफर अवधि सम ही चले,समझो करो विचार॥ सफर पूर्ण कब … Read more

प्रकाशोत्सव पर्व

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************* दीप जलाएँ आज हम,पावन पर्व प्रकाश।ननकाना पावन धरा,नानक ज्ञानाकाश॥ कहूँ सन्त,फक्कड़ पथिक,दीन दुखी सरताज।अवतारी मानव जगत,प्रीति नीति आवाज़॥ संन्यासी निर्मोह जग,कर कुटुम्ब परित्याग।विविध रूप अनुभूत जन,नानक गुरु अनुराग॥ अवसीदित जनत्रासदी,व्याकुल नानक चित्त।लोभ स्वार्थ मिथ्या कपट,यवनत्रास आवृत्त॥ देख धर्म की हानि जब,मानवता का ह्रास।विकल हृदय नानक चला,बना प्रकाश नवास॥ उद्दोलक … Read more

समाधान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* उलझन को सुलझाइए,लेकर सुलझे भाव।जिसके सँग है सादगी,रखता प्रखर प्रभाव॥ उलझन है मन की दशा,नहीं समस्या मान।यह है दुर्बलता-दशा,आज हक़ीक़त जान॥ मन को रख तू नित प्रबल,उलझन होगी दूर।जो रखता ईमान वह,नहीं खो सके नूर॥ उलझन उसको ही डसे,जो सच में डरपोक।कौन लगा सकता यहाँ,साहस पर तो रोक॥ उलझन को … Read more

आशा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* डरकर रुक जाना नहीं,सुन ऐ मेरे मीत।संघर्षों से तू निभा,हर मुश्किल में प्रीत॥ मन को कर तू शक्तिमय,ले हर मुश्किल जीत।काँटों पर गाना सदा,तू फूलों के गीत॥ हर मुश्किल में जब जले,आशाओं के दीप।तब ही मिल पाती सतत्,चलकर विजय समीप॥ मन को कभी न हारना,हरदम रख आवेश।राणा साँगा सा रहे,प्रिय … Read more

सज्जन

डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’रायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* सज्जनता के रूप में,छलना मत संसार।अपनेपन के ढोंग से,करो नहीं व्यापार॥ सज्जन संगत से सदा,कर चरित्र निर्माण।सदाचार के कर्म से,मिले जगत में त्राण॥ ज्ञान दीप जलता रहे,सज्जन बन तू खास।उर से सारे तम मिटे,मन में भरे उजास॥ सज्जन की पहचान में,करो नहीं तुम भूल।ज्ञान धनिक बनकर सदा,बनो चमन का फूल॥ सज्जन … Read more

फैल रही है ज्योति

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** खुशियाँ झोली में लिये,आया यह त्यौहार।गृह गलियाँ चमकत रहे,कूड़े सब भंगार॥ दीपक की लड़ियाँ लगी,फैल रही है ज्योति।रंग सजी मनभावना,रंगोली हर ढ्योति॥ आतिशबाजी हो रहे,सजी पँक्तिमय दीप।दूर रहे रक्षित रहे,ना जा अग्नि समीप॥ पूजे प्रथम गजानना,दाएँ शोभे ऋद्धि।गण गणेश देवी प्रिया,बाएँ बैठी सिद्धि॥ ऋद्धि-सिद्धि के पुत्र हैं,और शुभोशुभ लाभ।कमला रानी प्रिय लगे,कमल … Read more

तुलसी है वरदान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* वृंदा तुलसी रूप में,है सचमुच वरदान।जिस आँगन तुलसी रहे,घर पाए उत्थान॥ तुलसी है आरोग्य निधि,है औषधि का मान।तुलसी पौधा धार्मिक,पर हर घर की शान॥ वृंदा के तप-तेज को,किया विष्णु ने भंग।वृंदा तुलसी बन हुई,हरि-पूजन में संग॥ तुलसी-पूजन हो जहाँ,वहाँ देव का वास।सुख,खुशियाँ पलते वहाँ,रहे दिव्यता-वास॥ माह कार्तिक कर रहा,पावनता-संचार।तुलसी चौरे … Read more

गोधन की महिमा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************ गोवर्धन पावन दिवस,अन्नकूट हरि भोग।ब्रजनंदन पूजन विनत,प्रीति भक्ति मन योग॥ गोधन की पूजा करें,करें धेनु श्रृंगार।अहंकार देवेंद्र का,कृष्ण किया संहार॥ गोधन की महिमा बड़ी,देख कुपित गोपाल।खायी गोधन की शपथ माँ,पूत यशोदा लाल॥ गौ गोबर की अल्पना,रच गोवर्धननाथ।आँगन पूजन हो विनत,कृपासिंधु हरि साथ॥ बना स्वयं निज हाथ से,माधव छप्पन भोग।पूजा … Read more

जलाएँ दीप हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ******************************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष …… दीपों की महफ़िल सजी,चहुँदिक् विजयोल्लास।मुदित सुखी धन शान्ति जग,नवजीवन आभास॥ कौशल लौटी जानकी,पटरानी रघुनाथ।दीपक जगमग चहुँ जले,कर स्वागत सिय साथ॥ लखि वैदेही राम को,सज अयोध्या धाम।आलोकित दीपावलि,अभिरंजित अभिराम॥ दीनबंधु अभिराम मन,अरिमर्दन लंकेश।पाप घृणा मद खल जले,अवधराज हर क्लेश॥ अभिनंदन सीता वधू,लखन लाल सौमित्र।सजी थाल … Read more