परिवार ही संस्कार-सुकून-समाज का केंद्र

ललित गर्ग दिल्ली************************************** स्पष्ट है कि किसी भी समाज का केंद्र परिवार ही होता है। परिवार ही हर उम्र के लोगों को सुकून पहुँचाता है। दरअसल, सही अर्थों में परिवार…

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पीओके:डर से सहमा पाकिस्तान

ललित गर्ग दिल्ली************************************** पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पाक सरकार की तानाशाही, उदासीनता, उपेक्षा एवं दोगली नीतियों के कारण हालात बेकाबू, अराजक एवं हिंसक हो गए हैं। जीवन…

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‘माँ’ के आगे सभी रिश्ते बौने

ललित गर्ग दिल्ली************************************** माँ और हम (मातृ दिवस विशेष)... 'मातृ दिवस' समाज में माताओं के प्रभाव व सम्मान का वैश्विक उत्सव है, जो माताओं और मातृतुल्य विभूतियों का सम्मान करता…

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जीवन स्त्रोत माँ’, सम्मान करें

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** माँ और हम (मातृ दिवस विशेष)... 'माँ' का पल्लू पकड़, उसी के साथ जाते थे, खाना जब भी हो, उसी के हाथ से खाते थे'।जी हाँ,…

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मूर्धन्य रिश्ता ‘माँ’

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* माँ और हम (मातृ दिवस विशेष).... जीवन में हर रिश्ते का अपना ही महत्व होता है। कहीं खून का रिश्ता, तो कहीं विचारों का, तो…

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चुनाव:राजनेता पराए दुःख को अपना क्यों नहीं मानते ?

ललित गर्ग दिल्ली************************************** लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ रहे हैं, राजनेताओं एवं उम्मीदवारों के दागदार चरित्र की परतें खुलती जा रही है। एक समय था, जब लोग देश के नेताओं…

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ख़ुशी चाहिए तो सुख सूत्र अपनाइए

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** यदि हम चाहते हैं कि, हमारी जिंदगी हँसी-खुशी एवं आराम से कटे तो निम्न बातों का अनुसरण करें-🔹भगवान हमें जिस हाल में रखें, उसका शुकराना…

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देश की सेहत के लिए ‘नशा’ नासूर

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** किसी भी देश की प्रगति और उज्जवल भविष्य के सौष्ठव का कल्पनात्मक सम्भावित अनुमान उस देश की युवा पीढ़ी से लगाया जाता है। वह पीढ़ी अपने…

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कांग्रेस की दिशाहीनता

ललित गर्ग दिल्ली************************************** लोकसभा के चुनाव उग्र से उग्रतर होते जा रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहे हैं, कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। भाजपा की ओर रुख…

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जो हार मान ले, वह मनुष्य नहीं

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... यदि जीवन है तो, संघर्ष भी है। कहते हैं कि, जो मनुष्य जीवन में संघर्षों का सामना न करे, जीवन से…

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