काश

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- काश! मेरी माँ होती आज जिन्दा, तो माँ की गोद में सोता ये बन्दाl माँ बचपन की तरह ही दुलारती, आँचल में बैठा के…

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हिमालय की वादियों में खो गए

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** हिमालय की वादियों में खो गये, आकर यहां सौंदर्य के ही हो गए। उन्नत शिखर हिम से ढकी सब चोटियां, सुंदर हवा सुख शांति अदभुत…

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नशे में ही रह दिल…

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** नशे में ही हम हैं,नशे में जमाना, नशे में ही रह दिल,होश में ना आना। बेदर्द दुनिया का जुल्मी चलन है, जीने-मरने की खाते…

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उन गलियों तक…

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** जिंदगी का सफर गलियों के बिना अधूरा-सा रहता है, हमारे बचपन के दिनों से लेकर आज इस उम्र तक उन गलियों तक... कहीं भी जाएं,कहीं रहे…

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बहू नमक की तरह होती है..

निशा सतीशचन्द्र मिश्रा यामिनी मुंबई(महाराष्ट्र) ************************************************ मुरैना भदोही गांव की रहने वाली रेवा का इलाहाबाद के एक बड़े व्यापारी के बेटे सरजू के साथ ब्याह हुआl नए घर में बड़े ही…

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सच छुपाऊँ कैसे

ललित प्रताप सिंह बसंतपुर (उत्तरप्रदेश) ************************************************ अपने विचार मैं सबको बताऊं कैसे, मन में क्या है सबको सुनाऊं कैसे। हरदम किया है प्रयास हँसाने का, अब हँसते हुए को रूलाऊं…

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हार न मानी

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* मीरा दर्द न जाने कोये, जाने वही जो मीरा होये। बचपन प्रीत श्याम संग लागी, स्वप्न आँख श्याम संग सोई, भोर भई गिरधर संग जागी,…

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दीवार

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* आँगन में दीवार देख कर सोच रही माँ खड़ी-खड़ी, रिश्तों में दरार पड़ गयी,आई है ये कैसी घड़ीl बचपन में संग खेला,तूने संग-संग की पढ़ाई,…

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मधुर मुलाकात से

सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* यह दृश्य बड़ा ही अप्रतिम जब मिल गए प्रिया-प्रीतम, सुशोभित हो रही सुचिता हर्षित हो रही यह वसुधा, तुम्हारे मुख की मुदित मुस्कान से…

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आजादी के सपने

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* आज, आजादी के लिए कुर्बान होने वाले सेनानियों के सपने साकार हो रहे हैं। जो गुलामी की जंज़ीरों को तोड़कर, लाना चाहते थे देश की खुशहाली।…

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