विकास की लहर

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** राजनीति बदेलगी बदलेगा हिन्दुस्तान हमारा, सत्य का साम्राज्य होगा विश्व में हो भारत प्यारा। भष्टाचार का तिमिर हटेगा,चहुँओर हॊगा उजियारा, ईमानदारी की सरकार बनेगी,विकास का परचम…

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प्रासाद

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** यात्रा के दौरान देखे कई प्रासाद, कुछ प्रासाद अपनी कहानी कहता हुआ प्रतीत हुए, तो कुछ की दीवारों में कैद कितने राज लगेl प्रासाद के…

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ऐसी अमर कहानी हो

प्रेक्षा डॉन गोधा ‘परी’ दुर्ग (छत्तीसगढ़) ************************************************************* ऐसी अमर कहानी हो माँ ऐसी अमर कहानी हो, एक ऐसा इतिहास रचाऊँ सबके मन को मैं भा जाऊं। हर कोई बनना चाहे…

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प्रीत को हर बार लिखता हूँ…

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** तुम्हारे प्यार का मैं श्रृंगार लिखता हूँ। तुम्हारी प्रीत को मैं हर बार लिखता हूँ। मैं जानता हूँ मैं मानता हूँ ये सब तो, इसलिए तुम…

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गुपचुप निमंत्रण

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** आज मुझको मिल रहा है प्यार का गुपचुप निमंत्रण, कौन समझेगा कि मन की चाह पूरी हो रही है। क्यों किसी की राह देखूं पथ…

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बेटी

सुरेश चन्द्र सर्वहारा कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** भेदभाव अपमान को,कदम-कदम पर झेलl फिर भी बेटी बढ़ रही,ज्यों-त्यों जीवन ठेलll कह सकते उनको नहीं,कभी सभ्य परिवारl खाती हो जिनके यहाँ,बेटी गाली मारll करें…

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रूप और स्वभाव

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* रूप से भी अत्यधिक सम्मान है स्वभाव का, रूप है बेकार-सा अभाव यदि इस भाव का। रूप नश्वर है जगत में स्वभाव ही अमृत है,…

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आओ हम सौगंध उठाएं

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* आओ हम सौगंध उठाएं, कर्म पथ पर बढ़ते जाएं। समाज से कुरीतियाँ हटाएं, जन-मन का हम ज्ञान बढ़ाएं। कर्तव्य कहीं जो डगमगाए, उस…

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क्यूँ मैं छंद के बंधन बाँधूं…

डॉ.नीलम कौर उदयपुर (राजस्थान) *************************************************** क्यूँ मैं छंद के बंधन बाँधूं, क्यूँ पहनूं बंद अलंकार के कुदरत ने मुझको दे डाले, हसीन प्यार के ख्वाब सुहाने। क्यूँ मैं बाँधूं... बिजली…

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वीरों की धरती हिन्दुस्तान

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- वतन की शान है तो मेरी भी शान है, वतन की आन रखना मेरा ईमान है। वतन ही रब है मेरा ये मेरी जान…

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