बचपन की संगिनी…याद आती है.

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* मुझे मेरे बचपन की संगिनी, बहुत याद आती है... बहुत याद आती हैl जो कभी मेरी किताबें चुरा लेती थी, तो कभी बस्ता ही गायब…

Comments Off on बचपन की संगिनी…याद आती है.

आत्मजा

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* आत्मजा' खंडकाव्य अध्याय-९ विधि को सुखद लगी यह जोड़ी, उसने आँखें चार करायीं यह कैसा संयोग अजब था, नजरें भी तलवार बनायीं। लगीं काटने वे सपनों…

Comments Off on आत्मजा

किताब जिंदगी की

वन्दना शर्मा अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** जिंदगी की इस किताब को पढ़ रही हूँ नित्य मैं, पर न अक्षर एक भी मेरी समझ में आ रहा, खो गयी पन्नों में मैं…

Comments Off on किताब जिंदगी की

अश्क

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** जो पिघल कर हिमशिखर से,नीर बनकर बह गया, वो धरा की प्यास को भी,तृप्त-सा ही कर गया। किंतु नयनों से जो छलका,नीर तो वो भी…

Comments Off on अश्क

सिर्फ एक दिन…? ?

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’ भंगवा(उत्तरप्रदेश) **************************************************************** सिर्फ आज का दिन मित्रता के नाम, कल से फिर वही शत्रुता का काम, जैसे सिर्फ महिला दिवस पर महिला सम्मान, बकाया दिन महिला अपमान,…

Comments Off on सिर्फ एक दिन…? ?

माँ जैसा कोई नहीं

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** माँ सबकी भगवान है,जीवन का आधार। ममता का वरदान है,माँ से ये संसार॥ माँ जैसा कोई नहीं,माँ बच्चों की जान। माँ तुम तो महान हो,हो तुम…

Comments Off on माँ जैसा कोई नहीं

मेरा सारा जीवन माँ तुम

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** तुम मेरे जीवन की नौका की खेवनहार हो, तुम ही मेरा रब हो और जीने का आधार होl तुम ही मेरा जग हो और तुम…

Comments Off on मेरा सारा जीवन माँ तुम

माँ तो माँ ही होती

डॉ.रामावतार रैबारी मकवाना ‘आज़ाद पंछी’  भरतपुर(राजस्थान) *************************************************************************** चाहे अच्छी हो चाहे बुरी हो आखिर में माँ तो माँ ही होती है, बच्चे को सुलाती सूखे में, माँ खुद गीले में…

Comments Off on माँ तो माँ ही होती

माता के चरण तले

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** माता के चरण तले,सारे सुख फ़ूले-फले, श्रद्धावन्त ले के चले,असीम दुलार को। पग में ही चारों धाम,देख प्रभु प्रात-शाम, बिगड़ा बनेगा काम,हर दिन बार…

Comments Off on माता के चरण तले

माँ अनमोल

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** माँ रोम-रोम में हर मानव के बसती है, उसके बिन नहीं मानव की कोई हस्ती है। जन्मदात्री जननी जग से न्यारी है, हर रूप में माँ…

Comments Off on माँ अनमोल