सिसकता किसान

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** गर्मी की इस मार में,रोते आज किसान। बिलख रहे हैं भूख में,धरती के भगवानll देखो हाहाकार है,सिसक रहे हैं लोग। धरती सूखी खेत…

Comments Off on सिसकता किसान

तुम किस्मत आजमाना,मैं संघर्ष करुँगा

दीपेश पालीवाल ‘गूगल’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** लाख आए चाहे तूफान कोई जीवन में अब मैं नहीं रुकूँगा, चुनौतियाँ हजार मिलें चाहें मुझे मैं सब स्वीकार करूँगा। तुम किस्मत आजमाना,मैं संघर्ष…

Comments Off on तुम किस्मत आजमाना,मैं संघर्ष करुँगा

खरी-खरी

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** जिन्हें वतन के आदर्शों का,दर्प दिखाना था जन को, सत्य और सुचिता के पथ पर,जिन्हें चलाना था मन को। जिन कंधों को संस्कार का,भार उठाया…

Comments Off on खरी-खरी

पोरस

नताशा गिरी  ‘शिखा’  मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************************* जो जीता वही सिकन्दर इस मिथ्या को कब तक तुम गाओगे, पोरस की विजयगीत को इतिहास के पन्नों में कब तक यूँ छिपाओगे। सिन्धु नदी…

Comments Off on पोरस

मतलबी राग

शिवम द्विवेदी ‘शिवाय’  इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** किसका गीत सुनाऊँ,सब मतलबी राग हैं, भीतर से दगाबाज़ बाहर फिर भी सजाये साज हैं। आदमी संभलता तब,जब वक्त की लगती ठोकर है, जो…

Comments Off on मतलबी राग

अपने

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  *********************************************************************** निज भाषा,निज धर्म को समझो, गुरु भी यही सिखाते हैं। गैरों के आचरण भी कभी-कभी, खुद को नीचा दिखाते हैंll जो अपने को…

Comments Off on अपने

जीवन

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* धीरे-धीरे गुजर रहा था जीवन, फूलों-सा महक रहा था जीवन हँसता-खिलखिलाता-सा था जीवन, जितना था उसी में था खुश जीवनl अपने में मिसरी-सा घुला…

Comments Off on जीवन

मतदान करें

गरिमा पंत लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** आओ मतदान करें, फिर से बदलाव करें। लोकतंत्र की हो रही है शादी, हम सब बन जाएं बाराती। वोट हमें डालना है जरुरी, कोई शिकायत न…

Comments Off on मतदान करें

ख़त….

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ ख़ामोश लब- लिखे हुए खतों में, छुपा है दर्द। मधुर स्मृति- बंद लिफ़ाफ़े में हैं, सुर्ख़ गुलाब। न कोई बात- चेहरा है बुझा-सा,…

Comments Off on ख़त….

एक और अनेक

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** आओ भाई हम सब भाई, माला आज बनायेंगे। मालाओं को पहन गले में, एक रूप बन जायेगें हम मातृभाषा अपनाएंगे। फूल हमारे खुशबू वाले, बागों…

Comments Off on एक और अनेक