दिल से कब मिलोगे

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ प्यार का रंग अब चढ़ाने लगा है, दिल अब मेरा भी मचलने लगा है। न जाने अब कब,मुलाकात होगी, और हमारे प्यार की शुरुआत होगीll दिल…

Comments Off on दिल से कब मिलोगे

कान्हा तेरा शुक्रिया

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* जिंदगी में श्याम जी ने सब कुछ दिया, तेरा शुक्रिया कान्हा,तेरा शुक्रिया। बचपन में माँ गोद दिया, सर पे पिता का साया भाई-बहन का प्यार…

Comments Off on कान्हा तेरा शुक्रिया

चौकीदारी

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** चौकीदार की चौकीदारी ने कमाल कर दिया, नव उदित भारत का निर्माण कर दिया। चौकीदार की चौकीदारी ने, विश्व में परचम अपना लहराया है योग भारत…

Comments Off on चौकीदारी

संस्कृति का नव-वर्ष

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** हिन्दुत्व का नव-वर्ष है, संस्कृति का उत्कर्ष है। नव पराग हुए अंकुरित, पुष्प हो गए सुगंधित चंहुओर उमंग,हर्ष हैl हिन्दुत्व का नव-वर्ष है,…

Comments Off on संस्कृति का नव-वर्ष

न आए तुम…

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** तमाम उम्र हाय तमाम उम्र, गुजार दी मैंने तेरे ही इंतज़ार में, ओये न आये तुम। ओये न आये तुम, लम्हों बहार में॥ ख्वाबों…

Comments Off on न आए तुम…

बिटिया हूँ आपकी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** पापा,मैं बिटिया हूँ आपकी, मम्मी,मैं बिटिया हूँ आपकी। मैं रिश्तो में बंधी हुई, सुंदरता से सजी हुई। सपने बहुत संजोए हैं, बीज खुशी के बोये…

Comments Off on बिटिया हूँ आपकी

प्रतिपदा नव वर्ष

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* हे मातु भवानी हे जगकल्याणी, महर तुम्हारी माँ आँचल भर दे। हे जन्मदात्री हे सुखदायिनी, तू मेरी माते अब मंगल कर दे। विद्या…

1 Comment

नव वर्ष

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचना शिल्प:विधान-११२१२ ११२१२ ११,२१२ ११२१२ १६,१२ मात्रा पर यति,चार चरणों का एक छंद,चारों चरण सम तुकांत) लगि चैत माह मने नया सन, सम्वती मय हर्ष है।…

1 Comment

कभी सोचा न था…

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* हर रिश्ते से बँधी थी पर कोई भी रिश्ता मेरा न था, रिश्तों में फासले तो थे पर वे इतने खौफनाक भी हो सकते हैं, कभी…

1 Comment

माँ का नूर हो जाओ

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** चलो हटो तुम मेरी नजरों से दूर हो जाओ। फिर औकात में रहो या मगरूर हो जाओ। मेरी हस्ती मिटाने वालों सोचो…

Comments Off on माँ का नूर हो जाओ