नयन

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ************************************************************ राधा के दो नयन में,दिखी श्याम को प्रीत।यमुना तट पर प्रेम में,सुध-बुध खोये मीत॥सुधबुध खोये मीत,बाँसुरी की धुन मोहक।खडी़ गोपियाँ मौन,कृष्ण छवि लख मनमोहक॥कह ‘संजय देवेश’,दूर करते सब बाधा।निश्छल मन से आप,जपे यदि राधा राधा॥ परिचय–संजय गुप्ता साहित्यिक दुनिया में उपनाम ‘देवेश’ से जाने जाते हैं। जन्म तारीख ३० जनवरी १९६३ … Read more

ज्ञान की अलख जगाई

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** शिक्षक दिवस विशेष……….. राधाकृष्णन ने किया,जग में ऊँचा नाम।पेशे से शिक्षक स्वयं,किए अनूठे काम॥किए अनूठे काम,ज्ञान की अलख जगाई।शिक्षाविद् के साथ,भूमिका कुशल निभाई॥करता है ‘शिव’ याद,और प्रणमान्जलि अर्पण।भारत के अभिमान,राष्ट्रपति राधाकृष्णन॥ परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक उपनाम ‘शिव’ है। १० अप्रैल १९८९ को सीतापुर(उप्र)में जन्मे शिवेन्द्र मिश्र का स्थाई व वर्तमान बसेरा … Read more

विघ्नहरण गणराज

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’ बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़)*************************************************************** पावन तन मन से करो,पूजन मिलजुल आज।प्रगट हुए संसार में,विघ्नहरण गणराज।विघ्नहरण गणराज,मूस की करे सवारी।जिनकी कृपा प्रसाद,सुखी है सब नर नारी।कह डिजेन्द्र करजोरि,रूप जिनका मनभावन।गणाधीश का आज,आगमन है शुभपावन॥ परिचय-डीजेंद्र कुर्रे का निवास पीपरभौना बलौदाबाजार(छत्तीसगढ़) में है। इनका साहित्यिक उपनाम ‘कोहिनूर’ है। जन्मतारीख ५ सितम्बर १९८४ एवं जन्म स्थान भटगांव (छत्तीसगढ़) … Read more

कितने गड्ढे…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरीकुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कितने गड्ढे आजकल,सड़कों पर हर ओर।चलना मुश्किल हो गया,सुबह रात या भोर।सुबह रात या भोर,चोट लगने का डर है।घर से मीलों दूर,सुनो अपना दफ्तर है।महँगा हुआ इलाज़,और गड्ढे हैं इतने।मर जाते हर साल,मनुज सड़कों पर कितने॥ कच्ची सड़कों का नहीं,पूछो भाई हाल।मछली,घोंघे रेंगते,ज्यों हो पोखर-ताल।ज्यों हो पोखर-ताल,हाल कैसे बतलाऊँ।सर पर … Read more

हर्षित तन-मन

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** हुई प्रतीक्षा की घडी़,देखो आज समाप्त।जिसकी चाहत थी हमें,हुआ वो अवसर प्राप्त।हुआ वो अवसर प्राप्त,राममंदिर भू-पूजन।और यह शिलान्यास,देखकर हर्षित तन-मन।रामलला की पूर्ण,हो गई आज परीक्षा।रहे टेण्ट में खूब,खतम प्रभु हुई प्रतीक्षा॥ परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक उपनाम ‘शिव’ है। १० अप्रैल १९८९ को सीतापुर(उप्र)में जन्मे शिवेन्द्र मिश्र का स्थाई व वर्तमान बसेरा … Read more

पहली बारिश

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** छाई अंधियारी गगन,दिवस लगे ज्यों रात।चमक रही है चंचला,आएगी बरसातllआएगी बरसात,सुहाना लगता मौसम।नाचे मन का मोर,देखकर शोभा अनुपमllकहता ‘शिव’ दिव्यांग,बहे शीतल पुरवाई।घिरी घटा घनघोर,गगन अँधियारी छाईll मन मयूर नर्तन करे,ऐसी पड़े फुहार।पहली बारिश से उठे,अंतस में उद्गारllअंतस में उद्गार,रही ऋतु ले अँगड़ाई।बेकाबू जज्बात,चली ऐसी पुरवाईllकहता शिव दिव्यांग,कूकती कोयल उपवन। देख प्रकृति … Read more

सुन ऐ मूरख चीन

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष…… कायरता लख चीन की,तन-मन में आक्रोश।वार पीठ पर जो किया,खोकर अपना होश॥खोकर अपना होश,किया छल उसने ऐसा।समझ रहा निर्लज्ज,हिन्द सन इकसठ जैसा॥सुन ऐ मूरख चीन,नहीं भारत अब डरता।भुगतेगा परिणाम,जो की तूने कायरता॥ परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक उपनाम ‘शिव’ है। १० अप्रैल १९८९ को सीतापुर(उप्र)में … Read more

सुबह-सुबह की नींद

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरीकुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** होते ही सूरज उदय,टूटी यह उम्मीद।जिसको कहते हैं सभी,सुबह-सुबह की नींद।सुबह-सुबह की नींद,बहुत लगती है प्यारी।लेकिन घर के लोग,छेड़ते बारी-बारी।समझाते हैं रोज,न मानव इतना सोते।लेते दिन में नींद,यहाँ जो उल्लू होते॥ परिचय–वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। जन्म तारीख १५ अगस्त १९८० एवं जन्म स्थान ग्राम महेशपुर,कुशीनगर (उत्तर … Read more

आयेगा नहिं काल

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** दैनिक योग करो सखे,जब भी मिले सुकाल।तन निरोग मन में खुशी,आयेगा नहिं काल॥आयेगा नहिं काल,योग के लाभ निराले।तन का रंग गुलाब,केश काले के काले॥कहे ‘अवध’कविराय,बनो फौलादी सैनिक।जीवन हो खुशहाल,योग अपनाओ दैनिक॥ परिचय-अवधेश कुमार विक्रम शाह का साहित्यिक नाम ‘अवध’ है। आपका स्थाई पता मैढ़ी,चन्दौली(उत्तर प्रदेश) है, परंतु कार्यक्षेत्र की वजह से गुवाहाटी … Read more

प्रारंभ जिंदगी का

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** जग में आकर जीव को,नूतन हो आभास।नवजीवन नव जगत में,नव आशा विश्वास।नव आशा विश्वास,नया घर नव संरचना।नव विचार,आचार,कर्म,विद्या नव रचना।नव समाज नव धर्म,विधाता धरता है पग।सीख-सीख अनुभव,लेकर पथ चलता है जग॥ मधुर सरस जीवन लिए,माँ की कोख समाय।प्रेम दया करुणा भरे,माँ से ममता पाय।माँ से ममता पाय प्यार की मीठी भाषा।सीखे … Read more