लक्ष्मण शक्ति प्रसंग
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** मेघ सा वो नाद करके, हँस पड़ा था जोर से,तू बचेगा अब कहाँ से,भाग जा रण छोड़ केदर्प से सीना फुलाकर, बुदबुदाने वो लगा,बाण अपना…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** मेघ सा वो नाद करके, हँस पड़ा था जोर से,तू बचेगा अब कहाँ से,भाग जा रण छोड़ केदर्प से सीना फुलाकर, बुदबुदाने वो लगा,बाण अपना…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जैसे रितिका हो तुम,प्यारी प्रीतिका हो तुम…। गहन बासंतिक कोई,जैसे वीथिका हो तुम…। मंदिर मध्यम जलती,दीप्त दीपिका हो तुम…। हर्षाती मृदु मधुरस्वर गीतिका हो तुम…। कोमल तरल…
आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* इस धरती का मान,बढ़ाती है नारी,सुंदर घर संसार,चलाती है नारी। निर्मल मन से ज्ञान,हमें शिक्षा देती,कंटक पथ में देख,हटाती है नारी। जीवन का प्रारंभ,उसी से है…
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** पर्यावरण बचाइये,धरिये मन यह बात।पेड़ लगाएं भूमि पर,आज करेऺ शुरुआत॥धरती हरियाली सजी,वृक्ष सजे नव पात।फूलों से महके खिले,सजे हुए हरषात॥ धरती अंबर खिल उठे,महक उठे बरसात।शुद्ध…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचना शिल्प:विधाता छँद -१२२२ १२२२ १२२२ १२२२... कहो कुछ भी रखो कुछ नाम पर है जात पानी का,सहे तन चोट को,सहता नहीं आघात पानी का। कहो आँसू…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** कृषि कानून विशेष..... खिल उठी है ये धरा जो लाल वापस आ गए,खेत जो सूखे पड़े थे आज बादल छा गए।देख घर से आ रही…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** हिय हरिणी मुख मोहना,हँसत बदन नँदलाल,गोपी गौओ सँग फिरे, गोकुल में गोपाल। करे खेल लीला रचे,धर मानव के रूप,परमब्रम्ह मानव बने,दानव राक्षस काल। बेणुतान ही अस्त्र है,शस्त्र…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** मेघ-सा वो नाद करके,हँस पड़ा था जोर से,तू बचेगा अब कहाँ से,भाग जा रण छोड़ केदर्प से सीना फुलाकर,बुदबुदाने वो लगा,छोड़कर वो बाण अपना,मुस्कुराने था…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** नया कुछ कर दिखाऊँगा मैं इस दिवाली में,नये सपने सजाऊँगा मैं इस दिवाली में नहीं होगा किसी को भी अहसास यूँ गम का,गले सबको लगाऊँगा मैं…
ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** फैल रही दूधिया चाँदनी,पूर्ण चन्द्र सुहावनी,पँख लगा मन उड़ पहुँचा,गगन पार उड़ावनी।देख रही धरती आनंदित,शीश तारे छाँव में-तारा मंडल बन सरिता सर,दीपदान मन भावनी॥ जनम-जनम साध हुई पूरी,मैं…