समता लाओ
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** महक उठा,वन उपवन रे-आओ साथी रे। पहचान लो,मन महक पुष्पों-दे तृप्ति सदा। आज उठेगा,उफान समुन्द्र में-सम्भलें सब। जीतेगा मन,बगिया के रंगों में-आ एक बार। जीवन मेरा,सहारा दिखे नहीं-समझे कौन ? जले दिया भी,फिर भी अंधियारा-दिशा मिले न। साथ मिले न,राह दिखे न अब-जाएं किधर ? धरती डोले,हौले से राज खोले-माने … Read more