अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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दूर की सोचो,
प्यारा देश हमारा-
मिलें विचार।
माटी की देह,
नफरत का बीज-
उग ना पाए।
राष्ट्र महान,
बढ़े कीर्ति विश्व में-
भरो उड़ान।
वक्त़ कीमती,
हो साथ, थामो हाथ-
मिले तरक्की।
मत धकेलो,
रखो इंसानियत-
लहू मिला लो।
रखो आकांक्षा,
मोड़ दो तूफान भी-
रखो हौंसला।
डर किससे ?
बात हो सच्चाई की-
देश प्रथम।
करो यकीन,
छोटा-सा तो जीवन-
रिश्ते महीन।
त्यागो जलन,
छोड़ो डोर झूठ की-
बनो इंसान।
आए विपत्ति,
यूँ आत्मिक हो जाओ-
साथ निभाओ॥