रहा नहीं भरोसा
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** छोड़ देता हैघर को बेटा आज़पत्नी के लिए। बेचारा बापजीवन की गठरीउठाए कैसे ? माँ बस रोतीकाश! मेरी औलादऐसी न होती। सुखी न दिखापाला जिसे खून सेउसी का दुःख। रिश्ते बेगानेरहा नहीं भरोसाकोई न माने। मन है पुष्पमांगते हैं बंधनखुशी की धूप। खुशी चाहिएतोड़ हर दीवारसाथ आइए। हो यूँ जीवनसागर जैसा बड़ारिसे … Read more