अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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ये बचपन
मासूमियत वाला
हमेशा रहे।
खुशियों वाला
आया ‘बाल दिवस’
मनाएँ इसे।
कोमल मन
रखना बचाए इसे
है ये पावन।
ये भाग-दौड़
है चिंता भविष्य की
छूटते मोड़।
लगाओ पंख
भावी समाज बच्चे
नभ में उड़ो।
बच्चे ही कल
बना दें इतिहास
संभालो इन्हें॥