कर्तव्य
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** हुई सुबहआया नव विहानकरो स्वागत। मन का मैलबनाता घृणा पात्रमिटाओ इसे। सदा कटुताहोती नहीं उचितसमझो शब्द। चुप्पी कहतीअनकही बातों केलाखों शब्द। इशारा काफीसमझने के लिएमन की बात। व्याकुल मनजाने अच्छा-बुरा भीफिर भी मूर्ख। नहीं होता हैउचित-अनुचितमन के भाव। कभी कल्पनाकभी होती सच्चाईजाने ये कैसे ? बड़ी श्रद्धा सेनिभा रही कर्तव्यधरा … Read more