कर्तव्य

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** हुई सुबहआया नव विहानकरो स्वागत। मन का मैलबनाता घृणा पात्रमिटाओ इसे। सदा कटुताहोती नहीं उचितसमझो शब्द। चुप्पी कहतीअनकही बातों केलाखों शब्द। इशारा काफीसमझने के लिएमन की बात। व्याकुल मनजाने अच्छा-बुरा भीफिर भी मूर्ख। नहीं होता हैउचित-अनुचितमन के भाव। कभी कल्पनाकभी होती सच्चाईजाने ये कैसे ? बड़ी श्रद्धा सेनिभा रही कर्तव्यधरा … Read more

मधुर वाणी

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** मन दर्पणनिश्छल-सा पावनसमझो इसे। मधुर वाणीमधुर हो संबंधमानव बीच। हरियाली भूहरियाली हो मनआनंदमय। धीरे-धीरे सेप्रयास करो तुमहोंगे सफल। विश्वास रखोऔरों से ज्यादा तुमखुद पे सदा। बिछौना सौरलगता मुझे अबधरा गगन। गुंजित होतामहकते फूलों सेमानव मन। पुलकित हैतन-मन सबकाबाँटो खुशियाँ॥ परिचय-डॉ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैL जन्म तिथि … Read more

यही है सच

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बड़ा विचारतो संकट अपारयही है सच। पड़ा वास्ता तोऔकात दिख गईयही है सच। कोई न सगादेता मौके पे दगायही है सच। मौन उसकाखा गया रिश्ते सारेयही है सच। अकड़ो मतसब छूट जाएगायही है सच। सेवक बनोइंसानियत भलीयही है सच। दूर की सोचोपास का लाभ बुरायही है सच। भाग्य अटलतो कर्म करो अच्छेयही … Read more

बनो सहनशील

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** अन्तर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस (१६ नवम्बर) विशेष… आक्रोश छोड़ोबनो ‘सहनशील’यही है त्याग। सीखो सहनाजीतोगे हर जंगशांत रहना। शक्ति है मौन‘सहिष्णुता’ जरूरीसमझे कौन ? बुरी है हिंसान लड़ो आपस मेंभली अहिंसा। बनो इंसानहो आपस में मानदो सद्ज्ञान। समझो दर्दहोगी सम प्रगतिरखो सौहार्द। करो विकासबढ़ाओ समन्वयन हो विनाश। हो सम्वेदना,करें ना बुरा कभीऐसी भावना। मन … Read more

मन मिलाएँ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** दीप जलाएँकरें दूर अँधेरामन मिलाएँ। बैर रहे नऐसे मिले हृदयकोई कहे न। दीप से दीपनिराला दीपोत्सवखुशी की रीत। बुलाएँ लक्ष्मीहल्दी से बनाएँ ॐआए संपत्ति। हो दीपदानमिले विघ्न से मुक्तिमिटे अज्ञान। घर-बाहरफैलाएँ यूँ रोशनीनहीं हो डर। दो यूँ मुस्कानहर चेहरा खिलेहो पहचान। हो पुरूषार्थसंग हो अंतर्मनछोड़िए स्वार्थ। प्रभु कृपा सेधन सदा बढ़ेगाहै महायंत्र। … Read more

जताएँ कैसे ?

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** बसंत आयाआए कई मौसमथे रंगहीन। बेकरार हैधड़कता है दिलतुम्हारे लिए। हो हर पलयादों में बसे तुमजताएँ कैसे ? भीना-भीना साअहसास याद हैमुझे स्पर्श का। बगिया मेरीमहक उठती हैसदा तुम्हीं से। तरसती हैतुम्हारे दीदार कोआँखें कब से। आभास होतातुम्हारे आने परकोई है आया। तुम्हें यादों सेकभी निकाल पानासंभव नहीं। एक स्मृति … Read more

सर्वश्रेष्ठ कवि

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** कालिदास जयंती (४ नवम्बर) विशेष… कवि महाननाम है ‘कालिदास’ज्योतिषी भी ये। थे अनपढ़मिला ‘काली’ आशीषतो गए बढ़। थे मंदबुद्धिपत्नी ने भी धिक्काराबने विवेकी। सरस भाषारचा खूब साहित्यकिया यूँ मुग्ध। ‘ऋतु संहार’रचा ‘मेघदूत’ भी‘शाकुंतलम्।’ संस्कृत ज्ञानीहै सर्वश्रेष्ठ कविकोई ना सानी। जन्मे उज्जैनपरम्परा वाहकरखा है ध्यान। रचे नाटकरचा महाकाव्य भीथे एक रत्न। रचा श्रंगारविलक्षण … Read more

आगे बढ़ो

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** आज तम तोउजाला भी आएगाजीत पाएगा। आगे बढ़नामंज़िल से न डरकाम करना। समझो वक्तजो गुजर गया होलौटता नहीं। जग जानताडर कर क्या मिला ?तो आगे बढ़ो। सुख-सुविधापर मुख्य लक्ष्य भीना हो दुविधा। फैलाओ परउड़ो खुल के तुमडर किसका ? मूल्य रखनापथ से ना भटकोरास्ता देखना। बीज था अच्छाफसल आई नहींथी भू कठोर। … Read more

उर से करो भक्ति

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** अभिनंदनपधारो माता रानीकरूँ वंदन। हे शैलपुत्रीअँधियार मिटे यूँज्यों दुर्तगति। ब्रह्मचारिणीकरती माँ भलातपश्चारिणी। हे चंद्रघण्टासेवा का देती फलबजाएं घंटा। माँ कूष्माण्डाउर से करो भक्तिहरेगी पीड़ा। स्कन्दमाताधन-धान्य भरनागहरा नाता। हे कात्यायनीहरती हर पापफलदायिनी। ये कालरात्रिसिंह पर सवारभक्त है यात्री। हे महागौरीकृपाकारिणी मैयाहे शक्तिकारी। ये सिद्धिदात्रीमाँ दुर्गा के नौ रुपकरें आरती। प्रिय है लालहर रूप … Read more

नव रात्रि

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** माँ जगदम्बेबसी घट-घट मेंकरो साधना। नव रात्रि होया हो दिन कोई भीकरो अर्चना। मेहनत कादेती है फल दात्रीबड़ी महान। माँ की ममताफलदायी है सदासमझो इसे। दया दिखाएहै करुणा की देवीसदा हो मान। हरती कष्टकहो कभी अपनेदिल की बात। जीवन सदाहोगा मंगलमयधरो चित्त में। दु:ख-पीड़ा कामिलेगा निवारणमाता महान। शक्तिस्वरूपादेती है वरदानपालनहार। … Read more