मन का दर्पण मिला नहीं

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ तन तो देखा रोज मुकुर में,मन का दर्पण मिला नहीं।देखा पीछे बिम्ब प्रकृति का,लिये खड़ा उपहार सभीआये स्वयं कक्ष में मेरे,अचला के श्रृंगार सभी।नित्य सजाया तन पुष्पों से,मन का उपवन मिला नहीं। दिखा इसी दर्पण में मुझको,भूतल का विस्तार यहांमैं आगे हूंँ पीछे मेरे,एक बड़ा संसार यहां।तन तो चला योजनों इसमें,मन का वाहन … Read more

अभिलाषा

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* काव्य रूपी नाव ले उस पार जाना चाहता हूँ।शब्द की पतवार से सागर हराना चाहता हूँ॥ गद्द रूपी पंक्तियों को तोड़कर कविता बनायी,रेत में डूबी नदी को खोद कर सरिता बहायी।जोड़ अक्षर के सहारे,तोड़ लाया चाँद तारे,जिंदगी के इस किले को यूँ सजाना चाहता हूँ।शब्द की पतवार से…॥ जनता हूँ इस … Read more

‘माँ’ पृथ्वी का नूर

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** यह पृथ्वी का नूर है,करूणा की खान है। जगत -जननी माँ,पृथ्वी पर श्रेष्ठतम महान है। तू ही तू है एक सुंदर अनमोल,तेरा नहीं है जग में यहां कोई मोल। तेरे पैर की यह धुरी है,जन्नत की सुबह-शाम। सब-कुछ सूना-सूना है,जग में नहीं दिखता कोई आयाम। तू है ज़िन्दगी का एक खूबसूरत उपवन,तेरे बिना है … Read more

जीत का प्रथम तिलक लगा नमिता घोष व सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’ को

हिंदी पर स्पर्धा में डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’ और ममता तिवारी बनी दूसरी विजेता इंदौर(मप्र)। मातृभाषा हिंदी पर अपनी श्रेष्ठ लेखनी चलाकर इस बार स्पर्धा में श्रीमती नामिता घोष (गद्य) ने जीत का तिलक लगा लिया है तो सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा'(पद्य) में प्रथम आई हैं। ऐसे ही स्पर्धा में डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’ और ममता … Read more

सात जन्मों का साथ

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** मौत से पहले मैं,देख लूँ जन्नत कोऐसी मेरी आरजू है मेरी जानूं,तेरी-मेरी मोहब्बत को देख करजीने का अंदाज देख पाएंगे,और मोहब्बत को वो जान पाएंगेदिल को दिल में हम बसाएंगे। जात-पात ऊँच-नीच का इसमें,मतलब कुछ भी नहीं होताक्योंकि होता है मोहब्बत में नशा,जिसको होता है ये नशा।दिलमें हलचल-सी बढ़ जाती है,इसलिए इसमें … Read more

आतंकवाद के पनाहगार ना ‘पाक’ को बड़ा झटका

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** तो आखिर आतंक के शिविर चलाने वाले यानी विद्यालयों की भाँति आतंकवाद को पनाह देने और उसका पालन-पोषण करनेवाले ‘नापाक’ देश पाकिस्तान को फिर मुँह की खानी पड़ी है। दरअसल,इनके इमरान खान ने ऐसा कोई काम किया ही नहीं कि,फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की राय पाकिस्तान के प्रति बदलती। इसलिए,एफएटीएफ ने … Read more

जीवन संवर जाएगा

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* अपनी खुशियां हम सब कुछ इस तरह से मनाएंगे,सोचें भला करें भला और किसी के काम आएंगे। अपना पेट तो यूँ खुद ही भर लेते हैं पशु पक्षी भी,मनुज वो ही होंगे जरूरतमंदों के जो काम आएंगे । अगर नि:स्वार्थ रहकर कोई करे सेवा किसी का तो,भला खुद … Read more

तुम ही सम्पूर्ण

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) ************************************** करवा चौथ विशेष…. पूर्णिमा सम पूर्ण हो,तुम ही सम्पूर्ण हो,इस नीलाम्बर में तुम लगती परिपूर्ण हो। चाँदनी-सी शीतल हो तुम,तुम ही सहनशील हो,हो सादगी की प्रतिमूर्ति,तुम ही लगनशील हो। विधाता की श्रेष्ठ कृति,सृष्टि का आधार हो,विश्वास की नींव पर,बनाती तुम परिवार हो। पति को परमेश्वर मान,सदा करती सम्मान हो,करवा चौथ के … Read more

पुस्तक का लोकार्पण व सम्मान २५ को

इंदौर ( मप्र) २५ अक्टूबर की दोपहर ३ बजे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की पत्रकारिता अध्य्यनशाला(तक्षशिला परिसर) में पुस्तक लोकार्पण संग सम्मान कार्यक्रम रखा गया है। ‘कोरोना से जीते हम’ पुस्तक का लोकार्पण मुख्य अतिथि साहित्यकार श्रीमती अमरजीत चड्ढा करेंगी। यह कार्यक्रम विशिष्ट अतिथि डॉ. निशांत खरे एवं डॉ. गायत्री परिहार एवं पूर्व कार्यवाहक कुलपति डॉ. … Read more

आँखें तरस गई…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** जीना तड़प-तड़प के तकदीर बन गई।तुमको देखने प्रिये मेरी आँखें तरस गई॥ तुमको देखने प्रिये मेरी आँखें तरस गईं,स्मृतियों के मेघ छाये सावन सी बरस गईये सूरज भी हँस-हँस के मुझे ताने है मारता,संध्या के बहाने वो बस मुझको ही ताकता।मीठी ये पुरवाई भी नागिन-सी डस गई,तुमको देखने प्रिये मेरी … Read more