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मित्रता
डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** यह ज़िन्दगी की एक सबसे बड़ी तासीर है,जिंदगी में सब-कुछ पा लेने की तस्वीर है। मित्रता खुशी देने वाले यौवन की सौगात है,इसके बिना जिंदगी में सब-कुछ बकवास है। सुख-दुख के साथ दिव्य ज्योति-सा यह एक दर्पण है,जीवन में खुशी पाने का यह एक भव्य आकर्षण है। मित्र है साथ तो जंग में जीत … Read more
प्रिये मांगे रंग चुनरिया
संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** प्रिये मांगे रंग चुनरियामैं बेरंग-सा आप,मैल छुड़ाऊं तन अपनाऔर तन पर रगड़ूं राख। रुह फ़कीरों-सी अपनीसमझूं,न मंदिर,न जाप,कहां से दूं तुझे अटरियाहो बेखूंटा भटकूं आप। महल-चौबारे ख्वाब तेरेधूना,हाथ मेरे हैं ख़ाक,खुद से खुद झगड़ा मेरारंग मानो जीवन है श्राप। रंग-रंगीली,तू छबीलीभाए कान्हा बांसुरी वाद,जीवन मेरा डमरू जैसादोनों ओर से पड़ती थाप। ढूंढ … Read more
कन्या पूजन श्रेष्ठतर
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************* दुराचार या भ्रूण पतन जग,नीच सोच मनरोग समझ लोकन्या पूजन सदा श्रेष्ठतर,श्रद्धा ममता योग समझ लो। शक्ति भक्ति सह प्रीति सदय,करुणा मर्म अपार समझ लोनवदुर्गे जगदम्बे जननी,कन्या बन अवतार समझ लो। महाशक्ति निर्भय सबल जग,सारस्वत कुलगान समझ लोलाज नेह सरला सहजा हिय,वधू मातु वरदान समझ लो। रिद्धि-सिद्धि जननी तनया … Read more
धरती
मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** जयति जननी स्वरूपिणीं,जय हे धरा धरणीं रूपिणी। जगत रक्षिका जगदीश्वरी,रत्नगर्भा,दाती-ए-भूमेश्वरी। अन्नदायक हो जीव रक्षक,साहक सर्वत्र जग संरक्षक। जय अपारणीं जगत्तारिणीं,जग आधारणीं भार धारणीं। जन्नति प्राणियों के लिए जो,उन्नति प्राणियों के लिए जो। पालन करे है सृष्टि मात्र का,खेल है अलौकिक सृष्टि का। आदि जो है धरा कल्याणीं,भार स्वरूपा जग … Read more
भारत की तरफ से ठोस पहल हो
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर ने अलग-अलग मौकों पर अफगानिस्तान के बारे में जो भी कहा है,वह शत-प्रतिशत सही है लेकिन आश्चर्य है कि भारत की तरफ से कोई ठोस पहल क्यों नहीं है ? २० प्रमुख देशों के जी-२० सम्मेलन में दिया गया नरेंद्र मोदी का भाषण अफगानिस्तान की … Read more
आओ,अमृत पान करें
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ****************************************************** शरद पूर्णिमा विशेष…. ‘चंदा से झरता अमिय,देता जो उल्लास।किरणें सुख को बाँटती,जीने का अहसास॥’शरद पूर्णिमा,जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं;हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार-पूरे साल में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। शरद पूर्णिमा … Read more
ईश्वर संग हमारी आस्था,यही सत्यता
सतीश ‘बब्बा’चित्रकूट(उत्तरप्रदेश)************************************************* ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. ‘ई’ और ‘स्वर’ से बना यह ईश्वर शब्द, भारतीय जनमानस की आस्था का केंद्र है। बहुत पहले से ईश्वर और हमारी आस्था पर बहस,शोध होते रहे हैं।ईश्वर कहाँ है,ईश्वर क्या है,ईश्वर कैसा है ?,आज तक मात्र कल्पनाओं का पुलिंदा है,किसी ने ईश्वर को देखा नहीं है! ईश्वर … Read more
माँ तेरा आशीष ही मांगूं
रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ माँ तेरी हम सबको ज़रूरत है।जो मिला सब ही तेरी रहमत है। होशो-हवास होता कहाँ हमको,तू ही इस दुनिया की इबादत है। हम तन्हा जी सकते ही नहीं,माँ तुमसे ही हम सलामत है। अम्बे तू जगदम्बे तू,तू दुःख भंजनी,जो तुझे न माने उसे हिक़ारत है। माँ भारती हो या माँ दुर्गा हो,जीवन में … Read more
बजी ढोलकी बन बादन की
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ पथ से अधिक थकाने वाली,मंजिल मुझे मिली जीवन की।चरणों को विश्राम मिल गया,चाल रही ज्यों की त्यों मन की॥ अब जाऊँ किस ओर जगत के,ओर-छोर दोनों चल आईनहीं ओर में ठौर कहीं भी,नहीं छोर में,मैं रह पाई।चली ओर से थी समीर-सी,लौटी बन बदली सावन की…॥ जब तक रही ओर में भव के,थे सोपान … Read more