इंसानियत के दुश्मन

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** कहां खो गई ममता,करुणा,क्यों तुम इतने क्रूर हो गए ?यत्र,तत्र,सर्वत्र मिलावट,कितना मद में चूर हो गए ? अपनी सुख-सुविधा की खातिर,ले लेते कितनों की जानें।पेटी,कोठी,कोठा,भरने,बुनते रहते ताने-बाने।मतलब…

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आनंद से ओत-प्रोत रचनाओं का पाठ किया गोष्ठी में

इंदौर(म.प्र.)। खुशी,उमंग,उत्साह,आनंद ये सब मन के वो भाव हैं,जो नकारात्मक व बोझिल मानसिकता को पराजित कर मन को सकारात्मक प्रकाश से आलोकित करते हैं। इसी कड़ी में शब्दों का सेतु…

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बेटियाँ…हर रंग में घुलती

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** मेघधनुष के रंग बिखराती,घर-आँगन को रंगों से भरती…नित-नित जीवन की तरंगों में,बेटी है जो हर रंग में घुलती…। कभी पिता के कंधे सहलाती,कभी भाई-बहन को…

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विचार बदलो

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* चंद साँसों के बाद बस तस्वीर रह जाती है,विधि-विधान की लिखी लकीर रह जाती है।इसलिए हो सके तो बस अच्छे कर्म करिये-बचता न कुछ शेष यादों की…

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अनंत ज्ञान के धनी थे आदि शंकराचार्यजी

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** केरल के मालाबार में कालड़ी नामक स्थान पर साधारण ब्राह्मण परिवार मेंं वैशाख माह की शुक्ल पंचमी के दिन जन्मे अद्वैत वेदांत के प्रणेता आदि गुरु…

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योग महाशक्ति

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** दिन भर थका हुआ प्राणी घर आकर के विश्राम करे,तन को रखने स्वस्थ सदा भोजन सुबह और शाम करे।यही सही है दुनिया में तो जीवन है…

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अधर धरो घनश्याम…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** बनाके बंशी अधर धरो घनश्याम।घनश्याम…घनश्याम…बनाके बंशी अधर धरो घनश्याम॥ जब फेरोगे कोमल कर तुम,सुर दूँगी अविराम…अधर धरो घनश्याम।बनाके बंशी अधर धरो घनश्याम…॥ देखूँगी मोहक सूरत को,मोहन आठूँ…

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दादी की परी

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** आज दिल बहुत उदास था। तोषी के प्रसव का समय नजदीक आ रहा था। एक भय मन में समाया था कि सही तरीके से प्रसव निपट जाए।…

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बरसात

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** बनके बदली बरसती,घनघोर चहुँओर।दादुर दौड़े घूमते,घिरे घटा घनघोर॥ प्यासी धरा पुकारती,बरसो दीनदयाल।भीगे दामन भूमि का,हरियाली तत्काल॥ सारंग ने सारंग दियो,सारंग बरसो आए।सारंग जो मुख…

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इम्यूनिटी

डॉ.शैल चन्द्राधमतरी(छत्तीसगढ़)**************************************** "हम लोग रोज सुबह-शाम काढ़ा पी रहे हैं। काजू बादाम पिस्ता जैसे डॉयफ्रूट खा रहे हैं। सेब,अनार,मौसम्बी,संतरा का जूस पी रहे हैं। पनीर,पीनट मक्खन खा रहे हैं। दोनों…

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