अमर रहे बंगाल
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** गद्दारों की कोई भी,तदबीर नहीं चलने देंगे।अमर रहे बंगाल इसे,कश्मीर नहीं बनने देंगे॥ पहले ही हम बँटवारे की,घोर त्रासदी झेल चुके।सत्ता के मद के मतवाले,खेल घिनौना खेल…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** गद्दारों की कोई भी,तदबीर नहीं चलने देंगे।अमर रहे बंगाल इसे,कश्मीर नहीं बनने देंगे॥ पहले ही हम बँटवारे की,घोर त्रासदी झेल चुके।सत्ता के मद के मतवाले,खेल घिनौना खेल…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** एक अक्षर का शब्द है माँ,जिसमें समाया सारा जहाँजन्मदायिनी बनके सबको,अस्तित्व में लाती वोतभी तो वो माँ कहलाती,और वंश को आगे बढ़ातीतभी वह अपने राजधर्म को,माँ बनकर…
ललित गर्गदिल्ली ************************************** अक्षय तृतीया(१४ मई)विशेष..... अक्षय तृतीया महापर्व का न केवल सनातन परम्परा में,बल्कि जैन परम्परा में विशेष महत्व है। इसका लौकिक और लोकोत्तर-दोनों ही दृष्टियों में महत्व है।…
अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** माँ तो बस पूजा वंदगी की तरह।साथ है माँ खड़ी जिंदगी की तरह। मोल भी अनमोल जो ममता पायीं,माँ सदा साथ में परछाई की तरह। माँ…
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन टीकों पर से पेटेंट (अधिकार,स्वामित्व) का बंधन उठा लेता है तो १००-२०० करोड़ टीकों का इंतजाम करना कठिन नहीं है। अमेरिकी, यूरोपीय,रुसी और…
क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** जैसे हर चमकते तारे तले काली रातों का साया होता है,जैसे हर जलते दीपक तले अंधेरा होता हैठीक उसी तरह हर रात के बाद सवेरा होता है।जैसे…
शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* जिंदगी की बेहतरीन और खास जरुरत है-'राजनीति'राफेल!,बोफोर्स!दलित!,आरक्षण !सभी हैं-'राजनीति में चलते सिक्के।' पिछड़ों को अगाड़ी,अगाड़ी की पिछड़ीसरकारों की समाज बनाने में होड़ लगी है। ढेरों योजनाएं,ढेरों…
ऋचा सिन्हानवी मुंबई(महाराष्ट्र)************************************* नारी तुम जीवन हो मेरा,तुझ बिन ख़ुद को पाऊँ अकेला। तुम नारी माता प्यारी,तुमसे ही है जीवन मेरातुम बिन कैसे आता जहाँ में,तुम बिन कैसे जीता जहाँ…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** माँ के आँचल की छाया में,पल कर ये तन बड़ा हुआ हैमाँ की उँगली पकड़-पकड़ के,इन पैरों पर खड़ा हुआ हैदेख-देख के अपने शिशु को,माँ वारी-वारी…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)**************************************** इतिहास में पढ़ा था कि युद्धों में-महामारियों में बहुतों की मौत हुई थी और रात में कभी भी दाह संस्कार नहीं होते थे,पर इस 'कोरोना' ने सब बदल…