जरूर जीतकर आएंगे
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* मत हारो हिम्मत कि एक दिन खुशी फिर लौट कर आएगी,हारेगा ये हठी 'कोरोना' भी और किस्मत फिर लहलहाएगी।फिर से वही चमन फूलों के महकेंगे खूबसूरत बनकर-बातें…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* मत हारो हिम्मत कि एक दिन खुशी फिर लौट कर आएगी,हारेगा ये हठी 'कोरोना' भी और किस्मत फिर लहलहाएगी।फिर से वही चमन फूलों के महकेंगे खूबसूरत बनकर-बातें…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ मिले संस्कार पूर्वजों से,सदा बड़ों का आदर करना,ऊँच-नीच का भेद मिटा के,सबसे मिल के रहना। गौ माता की सेवा करना यह हिन्दू धर्म सिखाया है,हाथ पकड़…
ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** कान्हा तुम धड़कन,तुम मेरी थिरकनसाँस-साँस सिमरन,तुम ही हो प्रान में। तुम भजन कीर्तनमंदिर या उपवनशीत और हो अगन,मोहन ही ध्यान में। बहते बन पवन,धरती और गगनतन मन ये…
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** मानवता घायल हुई,विपदा का है काल।वायुकणों में बुन दिया,कोरोना ने जाल॥कोरोना ने जाल,हवा में जहर घुला है।कैसे लांघें द्वार,काल का द्वार खुला है!कह सागर कविराय,डरी है बिंदी,पायल।'कोरोना'…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** तन से कोमल,मन से निर्मल,विधि ने नारी सृजन कियासौम्य,शीलता,लज्जा का,कितना सुंदर आवरण दिया। देवी,सबला,शक्ति,कहकर,देवों ने सम्मान दियापर मानव,दानव बन बैठा,पल-पल ही अपमान किया। आखिर क्या हो गया…
सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)******************************************* हादसों ने लबों की हँसी छीन ली।मेरी आँखों की सारी नमी छीन ली। ज़िंदगी देने वाले ने यूँ तो हमें,ज़िंदा रक्खा मगर ज़िंदगी छीन…
अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************ मौसम आते-जाते हैं,फिर हम क्यूँ घबराते हैं। आज गम है कल खुशी,यही तो ये बतलाते हैं। प्रेम प्यार औ तेरा-मेरा,जीवन से इनके नाते हैं। वक़्त कैसा भी…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** रचना शिल्प:२२२ २२२ १२२ जल,वायु से सजतीं बहारें,धरती में इनसे ही नजारे।मधुरम बनके धरती गगन को,बूंदों की चाहत में निहारे॥जल,वायु से… बूंदें,बादल देता धरा…
रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** हमारा भारतवर्ष एक धार्मिक देश के रुप में विख्यात है। हमारे देश के हर धर्म में आस्थावानों की कमी नहीं है। जिन लोगों का भारतीय संस्कृति से लगाव…
क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** "वो तेरी तरह मुझे छोड़ कर कभी नहीं जाती!""इसलिए हमेशा के लिए तुम्हें छोड़कर चली गई!""उसकी कोई मज़बूरी रही होगी…।""अक्लमंद निकली,किसी अमीर आदमी की बीवी बन कर…