सर्वश्रेष्ठ श्री गणेश

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’दिल्ली(भारत)************************************************ गणेश चतुर्थी विशेष….. श्री गणेश,हे श्री गणेश,सर्व गुणों में सर्वश्रेष्ठ। बुद्धि के प्रखर विधाता,जो तेरे दर पर आता। सर्व सुख सम्पत्ति पाता,लड्डू तुम्हें है भाता। सारे जग के तुम विधाता,जो तेरी आरती गाता। परम सुख सम्पत्ति पाते,शिव गौरां के लाल कहाते। सबके मन को बहुत भाते,बिगड़ी सबकी तुम्हीं बनाते। सभी … Read more

पाँव पसारे…

एम.एल. नत्थानीरायपुर(छत्तीसगढ़)****************************************************** झूठों के शहर में सच को,सिसकते तड़पते देखा हैहर शख्स को बैचैन होते,खुद को सिमटते देखा है। ख्वाहिशों की चादरों को,हमने पाँव पसारे देखा हैरिश्तों की बुनियाद पर ये,फिर पैबंद संवारे देखा है। घर की चारदीवारी में ही,अजीब सिहरन होती है।फिज़ाओं की सर्द गर्मी में,ये कैसी ठिठुरन होती है॥

एक मित्र ऐसा भी…

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* एक मित्र ऐसा भी है वो हमारा,दोनों का घर है दिल के किनाराकभी मिलती हूँ कविता सहारे,याद करती हूॅ॑ तो आती बहारें। एक मित्र ऐसा भी है वो हमारा,लाटा है तोड़कर,चाॅ॑द-सिताराउनके आने से,आई है बहार,मुझको करते हैं बहुत ही प्यार। गजब है वह हमारा मित्र,यार,कभी कहीं खो नहीं जाऊॅ॑ मैंसिपाही बनके … Read more

शीश झुकाता हूँ

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** दिया मुझे शिक्षकों ने,हर समय बहुत ज्ञानतभी तो पढ़-लिखकर,कुछ बन पाया हूँइसलिए मेरे दिल में,श्रद्धा के भाव रहते हैंऔर शिक्षकों को मात-पिता से,बढ़ कर सम्मान देता हूँजो कुछ भी हूँ मैं आज,उन्हीं के कारण बन सकाइसलिए उनके चरणों में,शीश अपना झुकाता हूँ। शिक्षा का जीवन में लोगों,बहुत ही महत्व होता हैजो इससे … Read more

बिन शिक्षक ज्ञान नहीं

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ गुरु को चरण स्पर्श वंदन करती हूँ मैं,तन-मन से अभिनन्दन करती हूँ मैंगुरु बिन जीवन सार कभी न समझ पाती,अपना चेतन भाव समर्पण करती हूँ मैं। आई सुहानी बेला ‘शिक्षक दिवस’ आया है,शिक्षक के आगे सबने शीश नवाया हैबिन शिक्षक ज्ञान किसी को नहीं मिलता,हर बच्चे को शिक्षक ने जीना सिखाया है। चपल … Read more

संघर्ष सिखाते शिक्षक

क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** गिरते हैं जब हम,तो उठाते हैं शिक्षक,जीवन की राह दिखाते हैं शिक्षक। अंधेरे ग्रहों पर बनकर दीपक,जीवन को रौशन करते हैं शिक्षक। कभी नन्हीं आँखों में नमी जो होती,तो अच्छे दोस्त बनकर हमें हँसाते हैं शिक्षक। झटकती है दुनिया हाथ कभी जब,तो झटपट हाथ बढ़ाते हैं शिक्षक। जीवन डगर है-जीवन समर है,जीवन … Read more

शिल्पाचार्य भगवान विश्वकर्मा

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* पृथ्वी के निर्माण के संबंध में २ तरह के दर्शन बताए जाते हैं। एक है वैज्ञानिक दर्शन,जिसमें वनमानुष से मनुष्य के विकास का दर्शन और दूसरा है अध्यात्मिक दर्शन। पृथ्वी के निर्माण के समय अनेक प्रकार के देवी-देवता विद्यमान थे। उन्हीं में से भगवान विश्वकर्मा का भी प्रादुर्भाव हुआ,जो पृथ्वी पर शिल्पकला विज्ञान … Read more

गुरु सदैव ही ज्ञान खजाना

जबरा राम कंडाराजालौर (राजस्थान)**************************** गुरु सच्चा हो गुरु ज्ञानी हो।गुरु विद्या का महादानी हो॥ गुरु नहीं होय ऐसा-वैसा।गुरु ब्रह्मा विष्णु शंभू जैसा॥ गुरु निःस्वार्थी निराभिमानी।मुख पर ज्ञानसुधा-रस बानी॥ दो नैना सम सबको राखे।अपशब्द कबहुँ नहीं भाखे॥ सच्चा-अच्छा ज्ञान सुनावै।अज्ञान-तम को दूर भगावै॥ घट मांहि करे ज्ञान प्रकाशा।पूरा गुरु पूर्ण करे आशा॥ समदृष्टि से सबको निहारे।होत … Read more

आज के कठिन समय में शब्दों को बचाना होगा- प्रो. द्विवेदी

लोकार्पण-चर्चा….. इंदौर। आज के कठिन समय में भाषा को सहेजने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हो रहे हैं। कला, साहित्य और संस्कृति के लिए शोध अध्ययन को आज के शोधार्थियों द्वारा आत्मसात किया जा रहा है। यह शुभ संकेत हैं। समाज को आज ऐसे शोध की आवश्यकता भी है,जो नई दिशा दे सके। समाज और … Read more

दिल के स्पंदन में तुम…

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ********************************************* दिल के स्पंदन में बसता है,प्रियवर का बस नाम।रात-दिवस हो,कोई बेला,प्रियवर तुम अभिराम॥ स्पंदन के हर स्वर गाते,नित तेरा ही गीत,तू है जब तक साथ मेरे तो,पाऊँगा मैैं जीत।मेरा यह जीवन लगता है,तेरा ही उपहार,जीवन को हरसाकर मेरे,कर दे तू उपकार।जबसे तुझको पाया तबसे,जीवन ललित ललाम,रात-दिवस हो,कोई बेला,प्रियवर तू अभिराम…॥ … Read more