सागर के उस पार

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* असीम सागर देख सवाल गए मन में ठहर,पानी ही पानी,जहाँ तक गयी मेरी नजरऊपर की ओर देखा,दिल में उठती उमंगें,नीचे धूप में मुस्काती सागर की आकुल तरंगें। खामोश चलती जा रहीं,लहरें अनवरत,दिल में छिपाये मानो राज अनगिनतपूछ ही लिया मैंने खामोशी का कारण,कर रहे हो कैसे,आजीवन पानी में सफर। नज़र … Read more

भाई-बहन का प्यार

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* आ गया है सावन,भैया राखी में आ जाना,भूल नहीं जाना भैया अपनी छोटी बहना। सुबह होते मैं तुम्हारी राह देखती रहूंगी,राखी नहीं बाॅ॑धूंगी,तब अन्न जल नहीं लूॅ॑गी। खत लिख देना भैया मैं नहीं आ पाऊॅ॑गा,ऑटो रिक्शा करके भैया मैं चली आऊॅ॑गी। यह त्योहार राखी का मात्र धागा नहीं है भैया,ये प्यार … Read more

उपराष्ट्रपति जी के विचार पर प्रधानमंत्री को अमल करना चाहिए

*निर्मल कुमार पाटोदी,इंदौर(मप्र)शिक्षा में मातृभाषा अपनाई जाएगी,तब ही राष्ट्र की युवा पीढ़ी स्वाभाविक रूप से अपने जीवन के हर क्षेत्र में देश की सभी भाषाओं को बिना आग्रह के अपना लेगी। नयी शिक्षा नीति में देश की सभी भाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने की ओर बिना विलंब ध्यान दिया जाना आवश्यक है। प्रस्तुत लेख … Read more

काबुलःभारत की बोलती बंद क्यों ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* काबुल पर तालिबान का कब्जा होने ही वाला है लेकिन म आश्चर्य है कि हमारा प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय और गुप्तचर विभाग आज तक सोता हुआ क्यों पाया गया है ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से बहुत लंबा-चौड़ा भाषण दे डाला और १५ अगस्त को जिस समय उनका भाषण चल … Read more

अफगान को चाहिए मानवता का प्रकाश

ललित गर्गदिल्ली ************************************** विश्व मानवीय दिवस-१९ अगस्त विशेष………… प्रतिवर्ष १९ अगस्त को मनाया जाने वाला ‘विश्व मानवीय दिवस’ इस वर्ष अफगानिस्तान में हुई तालीबानी अमानवीयता,क्रूरता एवं बर्बरता की घटनाओं से जुड़े अनेक प्रश्नों को खड़ा करता है। अफगानिस्तान का लगभग अठारह वर्षों तक अमेरिकी एवं मित्र देशों के साये में जद्दोजहद के बाद फिर अंधेरे … Read more

निर्भय सदा अविचल अटल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *************************************** महाकवि महाचिन्तक न केवल,थे हिन्दू अटल सत्पथ अटलसिद्धान्तवादी युगान्तर पुरोधा,विश्वनेता थे वे अतिप्रखर। कालजयी महायोद्धा रणबाँकुरा,भारत रत्न बिहारी सबल,सर्वप्रिय लोकाभिनन्दित,वाक्पटु थे प्रभावी अटल। सामान्य,पर व्यक्तित्व अनुपम,गीतकार अद्भुत् गायक प्रखरयुगान्तर राजनीतिक पुरोधा,वाजपेयी भीष्म पितामह थे अटल। मानसपटल जनता जनार्दन,विद्यमान होंगे युग-युगान्तरहे युगपुरुष ! तेरे महाप्रयाण पर,दुःखान्त मन करता नमन। अतुलनीय … Read more

स्वतंत्रता दिवस पर लेखक संघ का हुआ कवि सम्मेलन

टीकमगढ़(मप्र)। म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ एवं ‘जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ’ के बैनर तले ‘स्वतंत्रता उत्सव’ के रूप में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। अध्यक्षता प्रभुदयाल श्रीवास्तव (टीकमगढ़) ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि मनोज कुमार (गोण्डा-उ.प्र.) रहे,जबकि विशिष्ट अतिथि गुलाब सिंह यादव भाऊ’ (लखौरा) रहे।इस गोष्ठी का संयोजन अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना … Read more

सारा हिंदुस्तान चाहिए

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** सिंध,बंग,पंजाब हमारे,हमको पाकिस्तान चाहिए।बंटवारे से पहले वाला,सारा हिंदुस्तान चाहिए॥ छुद्र,स्वार्थी,संघटकों ने,हमको आपस में लड़वाया।टुकड़े-टुकड़े हुए देश के,फिर भी हमको होश न आया॥ताशकंद,शिमला,समझौता,में हमने काफी कुछ खोया।शांति-धैर्य की अग्नि परीक्षा,में भी हमने कुछ-कुछ खोया॥अब चेतो,संकल्प करो,हमको खोया सम्मान चाहिए।बंटवारे से पहले वाला,सारा हिंदुस्तान चाहिए…॥ सच को सच अपनाने में,कब तक संकोच करोगे भाई … Read more

हम भारत माँ के बच्चे

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* हम भारत माँ के बच्चे हैं,हम डरना झुकना ना जानें,ये पूरी धरती अपनी है,हम तो बस इतना जानें। कोई खून बहाए हमको क्या ? कोई आँख दिखाए हमको क्या ?हम प्रेम फैलाने आए हैं,हम प्रेम लुटाना ही जानें। देश की आन पर कोई जो,आए बाधा स्वीकार नहीं,हम प्रेम … Read more

पुष्प

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ लाली पीली बैगनी,बागों खिलते फूल।उपवन में रहते सभी,कलियाँ जाती झूल॥कलियांँ जाती झूल,प्रेम की बात बताती।अपनी खुशबू संग,बाग को वह महकाती॥रंग-बिरंगे फूल,सजे पेड़ों की डाली।मधुर-मधुर मुस्कान,बिखेरे सुंदर लाली॥ काँटे सँग रहते सदा,सुंदर-सुंदर फूल।कोमल-कोमल पंखुड़ी,नहीं चुभते शूल॥चुभे कभी नहिँ शूल,बीच रहकर मुस्काती।सदा बाँटती प्रेम,ईश चरणों में जाती॥ममता के ये फूल,हमेशा खुशियाँ … Read more