श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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तेरा-मेरा प्यार हुआ,ये पूर्व जन्मों का ही मिलन है,
अद्भुत प्रेम कहानी होती है,जो बीती प्रेम गठन है।
यह भी ईश्वर की माया है जो इस जन्म में मिले हैं,
तभी दोनों के आज फिर से प्यार के फूल खिले हैं।
हुआ दोनों को प्यार,प्रेम-पुजारी का ये बन्धन है,
या शादी विवाह के नाम पे दोनों का गठबन्धन है।
ये प्रेम का धारा जो,पिछले जन्म से बना है तुम्हारा,
बिछड़ा प्रेम मिल गया नव जीवन में जो था तुम्हारा।
पति-पत्नी दोनों कहला गए भेद नहीं जाना कोई,
अमर प्यार था पूर्व जन्म का,जो मिला आज कोई।
आधी-अधूरी प्यार की बातें रह गई थी तुम्हारी,
तुझको अलग करने की हिम्मत नहीं है हमारी।
प्रेम-प्यार यह सभी पूर्व जन्मों का लेन-देन सब है,
तुम दोनों सदा साथ रहोगे,मिलाने में खुद में रब है।
जी लो अब अपनी जिंदगी,दोनों कृष्णा-राधा बन कर,
ये जन्म भी पूर्वजन्म कहाएगा,फिर मिलना विदा हो कर॥
परिचय-श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।