गुरु पूर्णिमा पर हुआ विशेष काव्य सम्मेलन

सरगुजा(छग)। गुरुपूर्णिमा की संध्या पर कलम की सुगंध छंदशाला परिवार द्वारा आनलाइन काव्य सम्मेलन आयोजित किया गया। अध्यक्षता संस्थापक संजय कौशिक ‘विज्ञात’ ने की। मुख्य अतिथि बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’ और विशिष्ट अतिथि सीमा अवस्थी रही।मंच संचालन अर्चना पाठक निरन्तर और इन्द्राणी साहू साँची ने किया। पूनम दुबे ‘वीणा’ ने कोकिला कंठ से माँ वीणा पाणि … Read more

सार्वजनिक गणेशोत्सव के प्रणेता लोकमान्य तिलक

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** पुण्यतिथि विशेष….. राष्ट्रवादी,शिक्षक,समाज सुधारक,वकील, ‘पूर्ण स्वराज’ के पैरोकार और भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के प्रथम लोकप्रिय नेता बाल गंगाधर तिलक (६५ वर्ष की उम्र में १ अगस्त १९२० को मुम्बई से ही स्वर्गारोहण) को उनकी १०१ वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए याद दिलाना चाहूंगा कि इनको ‘लोकमान्य’ की आदरणीय उपाधि … Read more

सुंदर गजरा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************ साजे गजरा केश में,सुन्दर लागे रूप।सबके मन को मोहती,रंक भले या भूप॥रंक भले या भूप,सभी होते दीवाने।वेणी सुन्दर होय,घटा सावन पहचाने।।कहे ‘विनायक’ राज,केश पर नाग विराजे।लहराती जब चाल,सोहती गजरा साजे॥

मंज़िल मिली मरण को

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ पथ जीवन ने चला सदा पर,मंज़िल मिली मरण कोमार्ग थका बोझिल हो लेकिन,गौरव मिला चरण को। मैंने अपना रूप सँवारा,हर आभूषण तन पर धारासूरज-चाँद लगाये मुख पर,तोड़ा नभ का तारा-तारा।पर मेरी छवि रही अचर्चित,ख्याति मिली दर्पण को॥ मैंने मरु को जोता बोया,स्वेद सलिल से कण-कण धोयामन में भर-भर आतप लाई,आखों में भर श्रावण … Read more

बाल विवाह

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* आज लालती का विवाह हुए २ महीने बीत चुके थे। उन दिनों विवाह के बाद गौने का रिवाज था। लालती का विवाह १० वर्ष की उम्र में कर दिया गया था,दूल्हे की उम्र १२ वर्ष की थी। लंबे घूँघट की आड़ में रात भर जागकर विवाह मंडप में बैठना बहुत … Read more

सावन है मनभावन

जबरा राम कंडाराजालौर (राजस्थान)**************************** सावन मन भावन है,खुशियों की हवाएं चले,गीतों की धूम मची,दिलों में कुछ प्यार पले। घटा छा गई नभ में,बिजलियाँ कड़के-दमके,झिरमिर गिरती बूंदें,रिमझिम पायल घमके। चहुँओर सुंदर दृश्य,यकायक ही मन मोहे,शांत मनोरम प्रकृति,बेहद अनुपम सोहे। नद नाले निर्झर बहे,धरा तो हो गई गीली,कुदरत जंचे हरियल सारी,बूटी रंग-रंगीली। वातावरण सुहाना,सावन ऐसा सुखदाई।शिवालयों में … Read more

मिल गया धोखा प्यार में

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************ वो ढूंढता रहा दरों-बाज़ार में,मैं खड़ा रहा उसके दरबार में। मन्नत ख़ुशी की गए थे मांगने,मिल गया धोखा हमें प्यार में। बरसती रही बरखा रात भर,हम बह गए आँसू की धार में। वो लूटते रहे हमदर्द बन कर,हम बंधे रहे रिश्तों के तार में। जो बात करते रहे उजालों की,वो ही छोड़ … Read more

हालात वक्त से ही

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** मिले हालात बन के वक्त से ही,दिए सुख-दुख सभी को वक्त ने ही।यही आगाज ये अन्जाम सबका,कदर मिलती नहीं पर वक्त को ही।मिले हालात बन के… सुखों में लोग इसको भूल जाते,बने दुख तो बुरा इसको बताते।गिला-शिकवा भला किसको लुभाता,मिले रुसवाई तो ये रूठ जाता।बुराई का सिला क्यों वक्त … Read more

मानव संवेदना पाते-खोलते प्रेमचंद

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* कथा सम्राट मुँशी प्रेमचंद जी विशेष…… अमर सदा है लौ आपकी,कथा के सम्राट,मुंशी प्रेमचंद कलम सिपाही हो नमन स्वीकार। हर कृति आपकी मानव संवेदना की आधार,कलम की पैनी धार से कागज रंगा बार-बार। देश समाज की मिट्टी से जुडे़ आप हैं दिनमान,रची सैकडो़ं कहानियाँ दिखाते क्या हो मान। रिश्तों की … Read more

मैं रहूँ न रहूँ

उमा विश्वकर्माकानपुर (उत्तर प्रदेश) **************************************** मैं रहूँ न रहूँ,देश प्यारा रहे,आँसमा में तिरंगा,हमारा रहेआन-बान-शान,ऐसे ही बढ़ती रहे,विश्व में मुल्क अपना दुलारा रहे। तन समर्पित तुम्हें,मन समर्पित तुम्हें,जिंदगी के सभी,पल हैं अर्पित तुम्हेंजब तलक जिस्म में श्वांस है आख़िरी,कतरा-कतरा लहू,इस धरा में बहे। देश के दुश्मनों,ध्यान से तुम सुनो,जाल षड्यंत्र के,तुम जरा मत बुनोअब न पाओगे … Read more