नारी-समाज

ऋचा सिन्हानवी मुंबई(महाराष्ट्र)************************* चलो बात करते हैं नारी समाज की,चलो बात करते हैं नारी उत्थान की।क्यों ज़रूरत है नारी उत्थान की,क्यों न ज़रूरत पुरुष उत्थान कीक्यों कमतर समझी जाती हैं,जो…

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स्वार्थ से टूट रहे परिवार

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** बदल गई संकल्पना,रूठ गया 'शिव' प्यार।एकल जब से हो गये,अपने घर परिवार॥ संस्कार और सभ्यता,गई घरों से रूठ।कौटुंबिक तरुवर हुआ,मानो कोई ठूँठ॥ सम्बन्धों में आजकल,नहीं रह…

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विभिन्न भाषाओं को जोड़ती है नागरी लिपि- गंगाप्रसाद उप्रेती

नागरी लिपि सम्मेलन..... नारनौल(हरियाणा)। नागरी लिपि विश्व की सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक लिपि तो है ही,यह विभिन्न भाषाओं को भी आपस में जोड़ती है।यह कहना है नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान (काठमांडू) के कुलपति…

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मखमल से आभास हुए…

नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** जब से हम-तुम साथ हुए हैं,जीवन के पल खास हुए हैं।पल-पल खुशियों में बीतें अब,मखमल से आभास हुए हैं॥ तनहाई का आलम तम-सा,पुरवाई का संग मद्धिम-सा।गीत विरह…

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‘मर्यादा’ कहानी हो चुकी

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सभ्यता के मापदंडों को चलो नीचे उतारें।नग्नता को अब नए श्रंगार शब्दों से पुकारें। जो फटे कपड़े पहनते मानते खुद को अगाड़ी,दिव्यतम है देह इनकी पूर्ण…

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रवायत

श्रीमती पूर्णिमा शर्मा पाठकअजमेर (राजस्थान) ********************************************** किसी को दर्द से तेरे,फरक कोई नहीं पड़ता। तू जीता है तो जीता क्यों,तू मरता है तो डरता क्यों! किसी को मारने से तेरे,फरक…

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‘बलिदान दिवस’ पर हुई काव्य गोष्ठी.

कोटा(राजस्थान)। 'शहीद-ए-आज़म' भगतसिंह के ९१वें 'बलिदान दिवस' पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता डॉ. रघुनाथ मिश्र 'सहज' ने की। मुख्य अतिथि डॉ. अनिता जैन 'विपुला' रहीं।यह जानकारी…

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वीणा की मधुर झंकार हो तुम

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** माँ शारदे का वरदान हो तुम,वीणा की मधुर झंकार हो। कविता बताओ क्या हो तुम,झरनों की मधुर आवाज़ हो। नवचेतना सोते में भी भर दे,ऐसी परम शक्ति भी…

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विनय कर भाग्य जगाओ

डॉ. मनोरमा चन्द्रा 'रमा'रायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* करूँ ईश गुणगान,विनय कर साँझ सवेरे।कृपा करो श्रीनाथ,द्वार हैं आए तेरे॥करते भक्त पुकार,हृदय में आस जगाएँ।करें कामना पूर्ण,सभी शुभ फल को पाएँ॥ विनय भाव मन धार,कृत्य…

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प्रभु माया सुखधाम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)********************************* लीला अपरम्पार है,प्रभु माया सुखधाम।श्री गिरधर गोपाल को,मेरा कोटि प्रणाम॥ तीन लोक चौदह भुवन,सबमें तेरा राज।फिर क्यों गिरधारी कहो,बिलख रहें जन आज॥ हलधर भैया कृष्ण…

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