सुखद अनुभव

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) ***************************************** ‘कोरोना’ महामारी की वजह से पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है। अधिकांश लोग बेरोजगार हो गए हैं,मैं भी इसी श्रेणी में हूँ। मैं अपने गाँव में परिवार और मित्रों के साथ जीवन व्यतीत कर रहा हूँ। एक दिन की बात है। घर बैठे-बैठे ऊब रहा था तो सोचा कि चलो खेतों … Read more

मुश्किल हुई

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** हमसफर यूँ अब मेरी मुश्किल हुई।राह जब आसां हुई,मुश्किल हुई। हम तो मुश्किल में सुकूं से जी लिए,मुश्किलों को पर बड़ी मुश्किल हुयी। ख्वाब भी आसान कब थे देखने,आँख पर जब भी खुली,मुश्किल हुई। फिर अड़ा है शाम से जिद पे दीया,फिर हवाओं को बड़ी मुश्किल हुई। वो बसा है जिस्म … Read more

चलो हम भरें उड़ान

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)************************************* दूर बहुत,दूर खड़ी है वह-बर्फ से आच्छादित पहाड़,बुला रहा है हमेंदोनों बाहु फैलाकर।चलो हम उड़ान भरें-उमंग के रंग मन के पंख मेंयहाँ नहीं होगा शोर सागर का-नहीं होगी तरंगों की चंचलता।नहीं होगी विपुलता रेत की-जहाँ रहेंगे तरुण प्राण हरियाली केरंग-बिरंगे फूलों की झाड़ियों होंगी-होगी रंगीन तितलियों की चंचलता।हमारे मन में भी … Read more

‘सौहार्द’ के नए रंग दिखाकर दीपाली गुंड व ज्ञानवती सक्सेना प्रथम विजेता घोषित

मासिक प्रतियोगिता…. इंदौर। देश की संस्कृति को सहेजने,लेखकों को प्रोत्साहन और मातृभाषा हिंदी के सम्मान की दिशा में हिन्दीभाषा डॉट कॉम परिवार के प्रयास सतत जारी हैं। इसी निमित्त ‘सौहार्द’ विषय पर स्पर्धा कराई गई,जिसमें क्रमशःदीपाली अरुण गुंड(गद्य) व ज्ञानवती सक्सेना ‘ज्ञान’ प्रथम (पद्य)विजेता घोषित किए गए हैं। ऐसे ही द्वितीय विजेता का सौभाग्य अल्पा … Read more

कश्मीर पर सार्थक संवाद हुआ

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* जम्मू-कश्मीर के नेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संवाद काफी सार्थक रहा। इसे हम एक अच्छी शुरुआत भी कह सकते हैं। २२ माह पहले जब सरकार ने धारा ३७० हटाई थी और इन नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था,तब और अब के माहौल में जमीन-आसमान का अंतर आ गया है। जब इस … Read more

चार दिन का ही पड़ाव जिंदगी

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* कभी उतार तो कभी चढ़ाव है यह जिन्दगी,कभी प्यार तो कभी घाव है यह जिन्दगी।।बहुत अनोखा अनमोल उपहार है यह-कभी भाव तो कभी दुर्भाव है यह जिन्दगी॥ कभी मिलन कभी टकराव है यह जिन्दगी,कभी आत्मीयता का अभाव है यह जिन्दगी।अपने अंतर्मन की सदा ही सुनते रहो-नहीं तो अपनों से खिंचाव है यह … Read more

माँ की बातें…सीख

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** माँ के बारे में जितना लिखूँ,कम है। मुझे अपनी माँ की बहुत सी बातें याद हैं। प्यार,हुनर,अक्लमंदी और सीख बहुत याद आती है। आज उन्हीं की शिक्षा के कारण हम ससुराल में अपने दायित्व को पूरी तरह से निभा पा रहे हैं। हमारी माँ को अपने सास-ससुर का प्यार कभी नहीं मिला। … Read more

भारत देश महान

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** मिलोगे तुम अगर देश के लोगों से,तो उनकी भावनाओं को समझोगेऔर देश के प्रति उनके भावों को,तुम निश्चित ही समझ पाओगेफिर देशप्रेम की ज्योत जलाओगे,और भारत को महान देश बनाओगेऔर इस कार्य में हम सभी अपनी,भूमिकाओं को निष्ठा से निभाएंगे। करना है देश के लिए कुछ तो,सबसे पहले खुद को जगाओऔर अपना … Read more

लौट आई वादा करके

डॉ. रचना पांडे,भिलाई(छत्तीसगढ़)**************************************** उड़ना चाहती थीआसमान में उड़ते पंछी की तरह,आजाद आबाद बेखौफ बेफिक्रखयाल आया घोंसले में इंतजार करते,छोटे-छोटे उन नन्हें परिंदों काजो राह मे बैठे थे दाना लेकर आएगी माँ।मैं लौट आई एक बार फिरवादा करके आसमां से,आऊंगी जरुर भरोसा रखना।सीख जाएंगे जब वो नन्हें परिंदे,अकेले खुद आसमां की सैर करना॥

जीवनदायिनी गंगा

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* पूर्वज उद्धार भगीरथ तप,शिव जटा में उतरी गंगापावन नदिया भूमि भारत,गंगोत्री मुख से सागर गंगा। बाधाओं को चीरती बढ़ती,जीवनदायिनी है देवी गंगामानव जीव जन्तु औ वृक्ष,सबकी प्यास बुझाती गंगा। पावन तर्पण है मोक्षदायिनी,वर्षों सुरक्षित बोतलों में गंगा।विश्वनाथ दर्शन गंगा आरती,नमन पापनाशिनी माता गंगा…॥ परिचय- डॉ.आशा गुप्ता का लेखन में उपनाम-श्रेया है। … Read more