‘धूमिल’ का काव्य संसार-भाषा और शिल्प की नई जमीन

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ धूमिल ने समाज में स्थित बेकारी,दारिद्र्यता, सामाजिक अनिष्ट रूढ़ियाँ,नारी विषयक दृष्टिकोण, दलितों की स्थिति अनेक समस्याओं से ग्रस्त ग्रामीण जीवन आदि अनेक समस्याओं को अपने काव्य…

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स्वाभिमान

तृषा द्विवेदी ‘मेघ’उन्नाव(उत्तर प्रदेश)***************************************** वह पहला ही दिन था जब वर्तिका और देवेश एक-दूसरे से मिले थे। हालांकि,वो दोनों ही सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को वर्षों से जानते थे। कितनी…

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इंक़लाब की डगर चले वो

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’ इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************* शहीद चंद्रशेखर आजाद पुण्यतिथि(२७ फ़रवरी)विशेष.... जगरानी ने बेटा जायानाम चंद्रशेखर आजाद।अलीराजपुर जन्मस्थलीआज करें हम उनको याद।सीताराम तिवारी के घरख़ुशियों की आयी सौग़ात।भारत के कण-कण…

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सभ्यता है मातृभाषा

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. माँ भारती के भाव को जिसने उड़ेला,वह भाव है भाषा नहीं उद्‌घोष है वह।वह मूल्य है आदर्श है संस्कृति हमारी,है हमारी…

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हिंदी मेरी जान

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. मात्रा शिल्प: भार १६-१३हिन्द देश के हैं हम वासी,हिंदी मेरी जान है।तन-मन सब-कुछ वार दिया है,इस पर जां कुर्बान है॥…

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हमारी भाषा,हमारा गौरव

माया मालवेंद्र बदेका उज्जैन (मध्यप्रदेश)********************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. भोली-भाली मीठी मनुहारी,अपनी भाषा प्यारी हिन्दी।उत्कृष्ट उत्कर्ष चरम पर सदा,न्यारी अलबेली जैसे माथे की बिंदी। एक अनूठा राग है इसमें,एक…

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भारती का श्रृंगार हिंदी

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. भारती के भाल का श्रृंगार है हिंदी।देश में सदभाव का आधार हिंदी॥ वेद से पैदा हुई है देव गण के वास…

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मातृभाषा की महत्ता निर्विवाद

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. इस धरा पर आने के उपरांत मानव जो प्रथम भाषा सीखता अपनी माता से सीखता है,उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं।…

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हमारे रहोगे दयानाथ हे

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ हमारे रहोगे दयानाथ हे।कृपासिंधु तुम हो जगन्नाथ हे।तुम्हारे सहारे लगी आस है।तुम्हारा जपूँ नाम विश्वास है॥ बनाए तुम्हीं ने दिवस रात हैं।सितारे गगन में चमकते रहें।कुसुम…

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स्वभाषा के बिना महाशक्ति कैसे बनेगा देश ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* मातृभाषा दिवस विशेष-भाग 3 आम तौर पर लोगों को पता नहीं होता कि संयुक्त राष्ट्र २१ फरवरी को 'विश्व-मातृभाषा दिवस' क्यों मनाता है। दुनिया के लगभग सभी…

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