गृहलक्ष्मी के चरण
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** वंदन होता जहां ज्योति का,रहता अमर प्रकाश वहीं।जहां नारियों का पूजन है,देवों का आवास वहीं॥ गृह लक्ष्मी के चरण जहां हैं,ममता का मधुमास वहीं।करुणा,समता,शुचिता,मृदुता,प्रभुता का आभास वहीं॥ घर-घर मिलती दिव्य-भावना,क्षमा,शांति नारी से ही।सुख के सुमन और फल मिलते,केवल इस क्यारी से ही॥ पत्नी है वह स्रोत,जहां से,स्रवित सदा समरसता है।पत्नी है वह … Read more