न बाँटो हमें
शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** दर्द हमसे जिगर में न पाला गया,छीन उसका लिया क्यों निवाला गया।जो स्वयं एक उन्नति की बुनियाद है-उसको मुद्दा बनाकर उछाला गया॥ जाति व धर्म में…
शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** दर्द हमसे जिगर में न पाला गया,छीन उसका लिया क्यों निवाला गया।जो स्वयं एक उन्नति की बुनियाद है-उसको मुद्दा बनाकर उछाला गया॥ जाति व धर्म में…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ***************************************************** कथा है स्वर्ग सभा की,सुनो लगाकर ध्यान,बैठे थे स्वर्ग सभा में सभी देवता महान।ब्रह्मा,विष्णु और उपस्थित थे महेश,वार्ता से चिंतित हुए थे गजानन गणेश॥ खड़े…
सुखमिला अग्रवाल 'भूमिजा'मुम्बई(महाराष्ट्र)*************************************************** हिंदी में ही मन बसे,और बसे संसार।सरिता हिंदी भाव की, जीवन का आधार॥ सहज सरल भाषा यही,जिसकी नहीं मिसाल।जो इसका आदर करे,करती उसे निहाल॥ अनुजा संस्कृत की…
प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** जिंदगी में,बहुत बड़े-बड़े खवाब तो नही देखेमेरी आँखों में,छोटे-छोटे गूंगे,सपने तो रहने दो।मुझे समझौता ही रहने दो… जिंदगी से,मैंने सौदे तो नहीं किएसच का सामना करने…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* फिरकापरस्ती का सजा बाजार देखो हिन्द में।अब खून से छपने लगे अखबार देखो हिन्द में। कानून का लेकर बहाना कौम का रुख मोड़ने,कुछ खाप के नेता…
मुम्बई (महाराष्ट्र)। उत्तराखण्डी क्षेत्रीय लोकभाषा में लेखक डॉ. राजेश्वर उनियाल के काव्य-संग्रह 'मेरु उत्तराखंड महान' का ई-विमोचन आवाज साहित्यिक संस्था (ऋषिकेश) के तत्वावधान में विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर…
क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** गरीबों के लिए जब उन्होंने जन-धन योजनाआयोजित की,तब मोदी भगवान बन गएपर अब मोदी खुदगर्ज हो गए,क्योंकि किसान अन्नदाता है। जब उन्होंने गरीबों के लिए घर बनाए,तब…
तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* फूलों की रखवाली करते,काँटे बनकर पहरेदार।सहता चुभन जो काँटों की,बनता वही फूलों का हार॥ चलता जो काँटों पर राहीउसी ने अपनी मंजिल पाई,होता उसका बेड़ा भव पार।सहता…
टीकमगढ़(मप्र)। म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ एवं जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के बैनर तले बंसत पर केन्द्रित आनलाइन आडियो कवि गोष्ठी आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ व्यंग्यकार…
दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** लो! अब हुआ,जाड़े का अंत,मस्त मदमाता,फिर आया बसंत। मौसम सुहावना,न शीत-न गरमी,पवन की गति में,अब बनी है नरमी। पीली-पीली,धानी ओढ़ चुनरिया,बनी प्रकृति आज,मानो दुल्हनिया।…