सम्बन्ध अस्तित्व का अनस्तित्व से
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* अल्हड़ता थी उन्मुक्तता थी,भोलापन और स्वच्छन्दता थीमन था!! अतल गहराईयां नहीं,बचपन था गम्भीरता नहींछोटे-छोटे से ख्वाब थेखेल और खिलौनों के।बचपन बीता,वक्त बदला-प्रारम्भ हुआ जन्म इच्छा का,आँखों में उतरा इक सुन्दर-सा ख्वाबउसे पाने को हुआ मन बेकरार,तस्वीर स्पष्ट नहीं थी-थी शून्यता और आकारहीनता।इच्छाओं से जन्मा बीज-बीज से अंकुर,मन ने पहचान लिया … Read more