धरती की सन्तान

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************** धरती की संतान सभी हैं,मिलजुल हाथ बंटाना है।नेक कर्म अपना ले प्राणी,जग में नाम कमाना है॥ बढ़ता चल इस जीवन पथ पर,रुकना नहीं निराशा में।निश्छल…

0 Comments

रहेगा खुशियों से आबाद

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** सब-कुछ जानकर भी कोई, ये जान नहीं पाता,जीवन समाप्त हो जाए, तब कौन कहां जाता। जीवन भर संग जो रहते, बनकर एक परिवार,कोई छोड़ जाए तो,…

0 Comments

प्रेम और शौर्य के प्रतीक श्रीकृष्ण

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** भव्य और दिव्य है,श्रीकृष्णशौर्य और पराक्रम के,संदीप हैं श्रीकृष्ण। युगावतार है श्रीकृष्ण,जिन्दगी में जिन्दगी कोसुकून देने वाले,ईश्वरीय अवतार हैं श्री कृष्ण। तारणहार है श्रीकृष्ण,जिन्दगी की किताब केसुकून और संसार…

0 Comments

भीष्म प्रतिज्ञा

माया मालवेंद्र बदेकाउज्जैन (मध्यप्रदेश)********************************* सुंदर सलोनी सरल सुशीला धीरे-धीरे बड़ी हो रही थी। बचपन से उसके मन में देशभक्ति, देशप्रेम कूट- कूट कर भरा था। उसने हमेशा अपने बुजुर्गों से…

0 Comments

आओ, आओ कृष्ण मुरारी

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** आओ, आओ कृष्ण मुरारी,तेरी है अब दरकारचारों और भ्रष्टाचार फैला है,कंस हर गली बाजार।आओ आओ कृष्ण मुरारी,तेरी है अब दरकार…॥ कालिया अब फन फैलाए,संसद में…

0 Comments

कृष्ण लगन सजती नहीं

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* कृष्ण जन्माष्टमी की मची धूम है,सोच प्रभुजी की रखते सभी खूब हैं। मटकियां फोड़ते, बाँटते हैं दही,पर लगन कृष्ण माखन की सजती नहीं। लोग…

0 Comments

लहर-लहर लहराए

डॉ. सुभाष शर्मा मेलबर्न(ऑस्ट्रेलिया) ************************************* आजादी का अमृत छलके,जी मेरा हरसाए।मेरा तिरंगा मन में मेरे,लहर-लहर लहराए॥ कफ़न बाँध कर निकल गए,थे बालक जो अभिमानीझूल गए फाँसी के फंदेबन गए वह…

0 Comments

कवि गोष्ठी के साथ मनाया राष्ट्रीय पर्व

इंदौर (मप्र)। आजादी के अमृत महोत्सव व स्वतंत्रता दिवस पर श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में राष्ट्रीय पर्व कवि गोष्ठी के साथ मनाया गया। समिति के सभापति सत्यनारायण सत्तन ने…

0 Comments

हे! गिरिधर गोपाल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जन्माष्टमी विशेष.... हे! गिरिधारी नंदलाल,तुम कलियुग में आ जाओ।सत्य,न्याय रो रहे आज तो,नवजीवन दे जाओ॥ जीवन तो अभिशाप हो रहा,बढ़ता नित संताप है।अधरम का तो राज…

0 Comments

त्याग-प्रेम के प्रतीक श्रीकृष्ण सच्चे अर्थों में राष्ट्रनायक

ललित गर्गदिल्ली************************************** जन्माष्टमी विशेष.... भगवान श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत एवं विलक्षण राष्ट्रनायक हैं। श्रीकृष्ण का चरित्र एक लोकनायक का चरित्र है। वह द्वारिका के शासक भी है किंतु…

0 Comments