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प्रेम और शौर्य के प्रतीक श्रीकृष्ण

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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भव्य और दिव्य है,
श्रीकृष्ण
शौर्य और पराक्रम के,
संदीप हैं श्रीकृष्ण।

युगावतार है श्रीकृष्ण,
जिन्दगी में जिन्दगी को
सुकून देने वाले,
ईश्वरीय अवतार हैं श्री कृष्ण।

तारणहार है श्रीकृष्ण,
जिन्दगी की किताब के
सुकून और संसार हैं श्रीकृष्ण,
मजबूत आधार और
सबको स्वीकार्य है श्रीकृष्ण।

रसिक भी और योद्धा भी है,
तो सृजनकर्ता भी श्रीकृष्ण
दुष्ट हऺता और कुशल प्रशासक है श्रीकृष्ण,
नव परम्पराओं के प्रवर्तक हैं श्रीकृष्ण।

अनन्त रूपी अगम्य और,
वृहद अवतार है श्रीकृष्ण
द्वैत और अद्वैत है श्रीकृष्ण,
विश्वभर के सकुशल नायक हैं श्री कृष्ण।

अजय अमर उजाला और अवतार हैं श्रीकृष्ण,
भव्य और दिव्य प्रकाश पुंज हैं श्रीकृष्ण।
यह युगावतार है श्री कृष्ण,
दुनिया के सफल संस्कार हैं श्रीकृष्ण।

जन्माष्टमी पर विशेष आराध्य देव की प्रार्थना करें,
खूब पूजे सखामय श्रीकृष्ण।
विश्व के सर्वश्रेष्ठ नायक को करें हृदय से नमन,
जय गोविंदा-जय गोपाला है श्रीकृष्ण॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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