मित्रता के फूल

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** मित्रता और जीवन... किताबें ही मेरे जीवन की,सच्ची मित्रजब जिंदगी की किताब भी,कहती शब्दों मेंहमसे कुछ प्यार पाते रहोहमें भी अपने घरों में फूलों की तरह,बस यूँ…

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थे मानो इक अवतार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* संत आप उत्कृष्ट थे,सचमुच रहे विशेष।गोस्वामी जी आपसे,रोशन देश-विदेश॥ रामचरितमानस रचा,फैलाया उजियार।उससे जीवन को मिला,मूल्यसहित नव सार॥ मर्यादा के रूप को,दिया नवल आकार।धर्म,नीति का हो…

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आम आदमी है बेचारा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** आम आदमी है बेचारा,फिरता रहता मारा-मारायही दुआ वह सदा मांगता,नहीं हो जन्म यह दोबारा। जीवन लगे रात अंधियारा,टिम-टिम करता है उजियारारहे राख में दबा सुलगता,हवा को…

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मुझको गले लगा लेना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** निर्झर से बहते मन भावों कोजब भी रोक न पाओ तुम,डर कर मन के तम से ही जबखुद से ही घबरा जाओ तुम,आँखें सपनीली बरस पड़े…

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नसीहतें

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** खामोश पड़ी जिन्दगी को आवाज लगाओ,एक नए अन्दाज से अपना दिल बहलाओ। न करे कोई तुम्हें प्यार तो भला क्या करना,तुम तो जी भरकर प्यार सब…

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अब बरसो रे बादल झूमकर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** स्वागत सावन हो अभिनंदन,नभ घटा जलज घनश्याम सजेपहली बारिश प्रिय प्रीत मिलन,हरीतिमा धरा अभिराम बने। चहुँ ओर सृष्टि नव सुष्मित शुभ, गिरि तरु कानन…

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तकलीफ

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* क्यों किसी के दिन उदास,और रातें बेरुख़ी-सी होती है…। एक छत के नीचे रहकर भी,लोग तन्हा ज़िंदगी जीते हैं…। रोज़ाना आँखों के सामने से गुज़रते,कई चेहरे…

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मित्र सदा निभाए साथ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* मित्र वही जो नेह दे,सदा निभाये साथ।हर मुश्किल में थाम ले,कभी न छोडे़ हाथ॥ पथ दिखलाये सत्य का,आने ना दे आँच।रहता खुली किताब सा,लो कितना…

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गर्वित पर्व

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** सावन शुक्ल पक्ष पंचम को,हम गर्वित पर्व मनाते हैंधर्म सनातन प्रकृति पोषित,साँपों को दूध पिलाते हैं। दया भाव से भरा अतुलनी,नाग पंचमी पर्व पुरानापौराणिक जाँचा-परखा यह,ध्येय रहा…

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पास नहीं बुलाते

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* धीरे-धीरे से मुस्कुराते हैं।हौले-हौले करीब आते हैं। वेदना दे नयी-नयी हर दिन,सब्र को खूब आज़माते हैं। रोज़ देते हैं आश्वासन पर,पास अपने नहीं बुलाते…

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