मित्रता के फूल
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** मित्रता और जीवन... किताबें ही मेरे जीवन की,सच्ची मित्रजब जिंदगी की किताब भी,कहती शब्दों मेंहमसे कुछ प्यार पाते रहोहमें भी अपने घरों में फूलों की तरह,बस यूँ…