नीली छतरी

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** नीली छतरी-सा,खुला आसमानपंछियों का कलरव,समेट लियाअपने आगोश में।सूर्य की पहली किरण,बादलों को चीर करधरती पर आती,धरती पर ऊर्जासमाहित हो जाती।सूरज और चाँद,बिखेरते रहे रोशनीआकाश और धरती परये…

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मिट्टी से लोहपुरुष गढ़ने वाले गंगाधर तिलक

ललित गर्गदिल्ली ************************************** भारत की आजादी के लिए मिट्टी से लोहपुरुषों यानी सशक्त, शक्तिशाली एवं राष्ट्रभक्त इंसानों का निर्माण करने का श्रेय जिस महापुरुष को दिया जाता है, वह लोकमान्य…

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बारिश में स्वास्थ्य के लिए रहें सावधान

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** हम बहुत से वरिष्ठजन नियमित रूप से शाम के समय मैदान में बैठ आपस में किसी भी विषय पर बातचीत करते आ रहे हैं। इस बार…

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संवेदना खो गई

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** अरे भाई,न जाने इस भूपटल पर,क्यों आज संवेदनाएं खो गई है ?विकल-व्यथित है बच्चा-बच्चा,समूची मानवता क्यों रो रही है ? मानव-मानस में सिर्फ स्पर्धाएं रह गई,सारा…

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जय शिव-शम्भू

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** सावन जल बूंद रिमझिम बरसे,आ गया सोमवार, मन हरसे।शंभू नाथ मना शिवाय सुमरूँ,मैं बन कावड़िया मगन झुमरूँ। बम-बम हर-हर शिवाले गूंजे,मन मेरा भोला दरस सूझे।बाज चिमटा सँग…

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वनवासी कन्या

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* कन्या है वनवासिनी, रहे प्रकृति के संग।दूर रहे संसार से, उसका अपना ढंग॥उसका अपना ढंग, लगे वह भोली-भाली।नाचे मृगकुल बीच, खुशी से दे दे ताली॥कोमल शांत…

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सृजन बना ईश वंदन

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार-१५ सृजन का नशा निराला है,शब्दों में इसे ढाला है।समझ सको तो तुम समझ लो,नहीं तो अक्षर काला है॥ प्रश्न करूं जब मैं वक्त से,कलम…

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भिखारिन

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** एक भिखारिन,चीथडों में लिपटीकोने में सिमटी,मांग रही थी भीखआने-जाने वालों को,सुखी रहने कीदे रही थी सीख। मैंने पूछा,-हष्ट-पुष्ट लगती होफिर भी,भीख मांग कर खाती हो। वो कुछ…

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चाँद क्यों मुस्कुरा रहे हो!

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* कहो चाँद, तुम आज क्यों इतना मुस्कुरा रहे हो!कोई तो बात है चाँद, कहो मुझसे क्यों छुपा रहे हो ? चाँद कारे-कारे बदरा में आज क्यों…

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भूपिंदर सिंह:कोई अवधूत गाता था..!

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** बीते जमाने के मशहूर पार्श्व गायक और ग़ज़ल गायक भूपिंदर सिंह की आवाज अल्प बीमारी के बाद हमेशा के लिए खामोश हो गई। इसी के साथ सिने…

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