भाषाओं की रानी हिन्दी

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* सब पर नेह लुटाती हिन्दी,सबके मन को भाती हिन्दीकरते गर्व सभी हिन्दी पर,भाषाओं की रानी हिन्दी। मीठी वाणी बोले हिन्दी,कानों में रस घोले हिन्दीमाँ जैसी है…

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हिन्दी मेरा प्रथम प्रेम

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* बांग्ला आमार मातृभाषा,साहित्य है इसका महानहिन्दी है राष्ट्रभाषा,इससे जुड़ता हिन्दुस्तान। गुजराती सरस छे,प्रसिद्ध है इनके फरसाणमराठी माणूस छान आहे,श्रद्धालु हैं गणपति के। चेन्नई रहकर तमिल सीखी,'कुंजम-कुंजम'…

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भूल कर अपनी माँ को…

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* भूल कर अपनी माँ को,सौतेली माँ संग जीवन बिता रहे हैंअपने ही घर में माँ उपेक्षित रहती,सूखी रोटी उसे खिला रहे हैंहम 'हिंदी दिवस'…

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हिन्दी:राष्ट्रीयता की प्रतीक भाषा की उपेक्षा क्यों ?

ललित गर्ग दिल्ली************************************** 'विश्व हिन्दी दिवस' विशेष.... 'विश्व हिन्दी दिवस' मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में फैले हिंदी जानकारों को एकजुट करना, हिन्दी को विश्व स्तर पर स्थापित एवं प्रोत्साहित करना…

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पं. विद्यानिवास मिश्र सम्मान कवि प्रो. अनंत को मिलेगा

वाराणसी (उप्र)। विद्याश्री न्यास की तरफ से २०२४ के वार्षिक सम्मानों की घोषणा कर दी गई है। इस वर्ष का पं. विद्यानिवास मिश्र स्मृति सम्मान प्रो. अनंत मिश्र को उनकी…

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कृतियों की आय दिव्यांग बच्चों को भेंट

इन्दौर (मप्र)। श्री म.भा. हिन्दी साहित्य समिति के प्रबंधकारिणी सदस्य एवं हिन्दी परिवार के उपाध्यक्ष वरिष्ठ हास्य व्यंग्य कवि प्रदीप 'नवीन' की सद्य प्रकाशित २ कृतियों 'टांग उसने क्यों अड़ा…

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तुम न सुनो, यह गगन सुनेगा

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मेरे मानस के गीतों को,तुम न सुनो, यह गगन सुनेगा।कब अतीत को चाहा मैंने,नव निमेष ही मुझको भाया जिसने मेरे हृदय पटल परअभिनव जग का चित्र बनाया।नूतन जग…

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आत्म स्नेह

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** आत्म स्नेह से,प्रभु के प्रभुत्व मेंमिलती हैआत्म बल को,आत्म सम्मान सेअपनी पहचान। हर्षित तन-मन,के चेहरे कोसुकून मिलता है,आर्द होती सारीमनोबल की,परछाइयाँ आत्म स्नेह। कुंठित मन व्यथा,को खुशी…

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फूलों की थाली

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** रंग-बिरंगी तितलियाँ भला शोर कहाँ करती,भौंरे की गुंजन से यूँ ही बदनाम हुआ करती। फूलों की थाली में संग पराग का रस पीती,हाथों की छुअन पंख से…

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हिन्दी की गरिमा और उपयोगिता बढ़ती रहे, यही लक्ष्य हो

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* विश्व हिंदी दिवस विशेष.... प्रत्येक वर्ष भारत में १० जनवरी को 'विश्व हिंदी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। हमारे भारत में हिंदी राजभाषा,…

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