नहीं मुझे अधिकार…

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** नहीं मुझे अधिकार दिया है, एक पुजारी बन पाऊँ।संविधान में प्राप्त मान है, गर्व से जग को बतलाऊँ॥ कहें पुजारी नारी देवी, फिर क्यों मान अधूरा है,वाचन मंत्रों का कर सकती, फिर भी स्वप्न अधूरा है।शास्त्र विदूषी होती फिर भी, कहाँ कहो गाथा गाऊँ,संविधान में प्राप्त मान है, गर्व से जग … Read more

मस्ती फागुन की

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मस्ती फागुन की है, होली रुत आई।देख-देख प्रियतम को गोरी इठलाई॥ सजना ने रंगों के मारे थे गोले,सूरत को देखो तो लगते थे भोले।चंचल-सी यह चितवन मन को अति भाई,मस्ती फागुन की है,…॥ भीगी सारी मोरी लाली चुनरिया,बादल ने भी बरसी रंगी बदरिया।फागुनी फाग में तो सुध-बुध बिसराई,मस्ती फागुन की … Read more

श्रद्धा प्रेममय होली

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* होली विशेष… ब्रज होली है रंगों का त्यौहार, राधा संग खेलें होली रे।गोरी राधा हृदय गोपाल मन माधव प्रिय हमजोली रे॥ मोहे रंग दे गुलाल गाल, फागुनी होली आयो रे।भांग नशा प्रीत मधुशाल, रंगीली होली आयो रे॥गोरी राधा हृदय… आलिंगन हिय प्रणय उद्गार, रंगीला प्रीतम आयो रे।साजन लगाऊँ गाल … Read more

आज निराशा घन झड़ी घेरी…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** अनुकूला छंद आधारित…. व्याकुल पाखी विरह की तेरी,बहुत पुकारा गगन से टेरी।श्याम धवल बदरिया छाई,आज निराशा घन झड़ी घेरी…॥आज निराशा… ब्याह रचा दुख हृदय से पापी,बांँह पसारे तक रहा काँपीनैनन साथी लहरिया उमड़ा,नेह सजाए भर रखी झाँपी।प्रितम तेरे गवन सुख‌ जाना,आ अब जाओ न करना देरी…॥आज‌ निराशा… कोइ पता संदेश न ही … Read more

पिचकारी जादुई चला दे

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ पिचकारी जादुई चला दे,मन के सारे भेद भुला दे।कसम तुझे है अब रंगों की,इस होली में कलुष जला दे॥ तन से दूर रहें कितने ही,मन के सदा निकट हों अपनेएक लक्ष्य पर चलें सभी मिल,पूरे करने मीठे सपने।प्रथक चले तो फिर भटकेंगे,इसी सीख का घूंट पिला दे॥इस होली में… जब तक है मुहूर्त … Read more

नारी का योद्धा रूप

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी सदा स्वयंसिद्धा है, कर्म निभाता नारी जीवन।देकर घर-भर को उजियारा, नित मुस्काता नारी जीवन॥ कर्म निभाती है वो तत्पर, हर मुश्किल से लड़ जाती।गहन निराशा का मौसम हो, तो भी आगे बढ़ जाती॥पत्नी, माँ रूपों में सेवा, फूल खिलाता नारी जीवन।देकर घर-भर को उजियारा, नित मुस्काता नारी जीवन…॥ संस्कार सब … Read more

कोयल मीठा गीत सुनाए

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* फागुन का है मस्त महीना,अब झूम रहे नर-नार सभी।हँसी-खुशी से जीवन बीते,सुख का हो अहसास अभी॥बीत चला है माह शीत का,लगे धूप भी अब अलसाए।लगती है ये धरा सुनहरी,कोयल मीठा गीत सुनाए…॥ कण-कण में यौवन छाया है,मस्ती भरी हवा बहती है।महक उठी है अमराई भी,हरी-भरी धरती कहती है॥पुष्प-पुष्प पर भ्रमर घूमता,मानो … Read more

प्रभु की दया

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* कोई न संग साथी, चौबीस वर्ष बीते।हमने इन्हीं दिनों में, मन-प्रेम, चैन जीते।प्रभु की दया बनी है, दु:ख-दर्द जो मिटाते।वे ही विकल्प देते, संकल्प हम सजाते॥ हर एक दर्द मिटता, नारायणी कृपा से,हर साॅंस चैन लेती, भगवान की दया से।उनकी दया सभी का, जीवन यहाॅं खिला दे,प्रभु दीप ऑंधियों में, … Read more

गाता है मधुमास सुहाना

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* आया मनभावन बसंत… ओढ़े पीली चादर धरती,लगता ज्यों नव वधु का आना।स्वागत करती मधुर कोकिला,गाता है मधुमास सुहाना॥ अवतरित हुई मात शारदे,करने जगत में ज्ञान प्रसार।बैठे मधुप पुष्प के ऊपर,लेने को नव मधु रस सार॥जोर शीत का मंद पड़ा अब,अच्छा लगता अब अलसाना।स्वागत करती मधुर कोकिला,गाता है मधुमास सुहाना…॥ कामदेव के … Read more

जीवन-दान

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* बाँट रहे हो उसको जिसने, जीवन दान दिया।उसका सीना छलनी करके, कैसा मान दिया॥ घर धन दौलत तुम सब-कुछ बाँटो, माँ कैसे बांटोगे ?माँ को दुख देकर के कैसे तुम जीवन काटोगे।अपनी पीर छुपाकर जिसने,तुम पर ध्यान दिया…,बाँट रहे हो उसको जिसने,जीवन दान दिया॥ मात-पिता को समझ न पाए, आई लाज … Read more