कब गुजर जाएगी, क्या पता!

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* कब गुजर जायगी ज़िन्दगी क्या पता,एक मन्जिल मिलेगी न जिसका पता।जिन्दगी हर भले कर्म से सज सके,कर्म सजकर बनें बन्दगी का पता॥ काटनी ही पड़े जो बनी रहगुज़र,रहगुज़र में न मिलता कभी हमसफर।जो यहाॅं हैं चले जायेंगे छोड़ कर,कर्म सजकर बनें बन्दगी का पता॥कब गुजर जायगी… जिन्दगी भर रहा वक्त … Read more

हर कदम बेखबर

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* जा रही जिन्दगी कौन जाने किधर,उम्रभर का सफर, हर कदम बेखबर।रहगुज़र की बनी एक मंजिल मगर,सब पहुॅंचते वहाॅं पर बिना हमसफ़र॥ तयशुदा वक्त है हर किसी के लिए,वक्त है मोल बिन तो खबर किसलिए।रहगुज़र के लिए तो न मुमकिन रुके,पर पहुॅंच कर भले दर-बदर ये फिरे।सत्य सबसे बड़ा मौत और … Read more

संविधान में नारी का अधिकार

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** हे भारत की नारी सुन लो, संविधान को जानिए।आज हमें अधिकार मिला है, पढ़ उसको पहचानिए॥ बाबा साहेब अम्बेडकर जी, सकल जगत की शान है।महिलाओं का शोषण देखा, नित घटता सम्मान है।अनुच्छेद में स्थान दिया है, सबको पढ़ना चाहिए,आज हमें अधिकार मिला है, पढ़ उसको पहचानिए…॥ संविधान में अधिकार दिया, राजनीति … Read more

नहीं मुझे अधिकार…

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** नहीं मुझे अधिकार दिया है, एक पुजारी बन पाऊँ।संविधान में प्राप्त मान है, गर्व से जग को बतलाऊँ॥ कहें पुजारी नारी देवी, फिर क्यों मान अधूरा है,वाचन मंत्रों का कर सकती, फिर भी स्वप्न अधूरा है।शास्त्र विदूषी होती फिर भी, कहाँ कहो गाथा गाऊँ,संविधान में प्राप्त मान है, गर्व से जग … Read more

मस्ती फागुन की

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मस्ती फागुन की है, होली रुत आई।देख-देख प्रियतम को गोरी इठलाई॥ सजना ने रंगों के मारे थे गोले,सूरत को देखो तो लगते थे भोले।चंचल-सी यह चितवन मन को अति भाई,मस्ती फागुन की है,…॥ भीगी सारी मोरी लाली चुनरिया,बादल ने भी बरसी रंगी बदरिया।फागुनी फाग में तो सुध-बुध बिसराई,मस्ती फागुन की … Read more

श्रद्धा प्रेममय होली

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* होली विशेष… ब्रज होली है रंगों का त्यौहार, राधा संग खेलें होली रे।गोरी राधा हृदय गोपाल मन माधव प्रिय हमजोली रे॥ मोहे रंग दे गुलाल गाल, फागुनी होली आयो रे।भांग नशा प्रीत मधुशाल, रंगीली होली आयो रे॥गोरी राधा हृदय… आलिंगन हिय प्रणय उद्गार, रंगीला प्रीतम आयो रे।साजन लगाऊँ गाल … Read more

आज निराशा घन झड़ी घेरी…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** अनुकूला छंद आधारित…. व्याकुल पाखी विरह की तेरी,बहुत पुकारा गगन से टेरी।श्याम धवल बदरिया छाई,आज निराशा घन झड़ी घेरी…॥आज निराशा… ब्याह रचा दुख हृदय से पापी,बांँह पसारे तक रहा काँपीनैनन साथी लहरिया उमड़ा,नेह सजाए भर रखी झाँपी।प्रितम तेरे गवन सुख‌ जाना,आ अब जाओ न करना देरी…॥आज‌ निराशा… कोइ पता संदेश न ही … Read more

पिचकारी जादुई चला दे

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ पिचकारी जादुई चला दे,मन के सारे भेद भुला दे।कसम तुझे है अब रंगों की,इस होली में कलुष जला दे॥ तन से दूर रहें कितने ही,मन के सदा निकट हों अपनेएक लक्ष्य पर चलें सभी मिल,पूरे करने मीठे सपने।प्रथक चले तो फिर भटकेंगे,इसी सीख का घूंट पिला दे॥इस होली में… जब तक है मुहूर्त … Read more

नारी का योद्धा रूप

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी सदा स्वयंसिद्धा है, कर्म निभाता नारी जीवन।देकर घर-भर को उजियारा, नित मुस्काता नारी जीवन॥ कर्म निभाती है वो तत्पर, हर मुश्किल से लड़ जाती।गहन निराशा का मौसम हो, तो भी आगे बढ़ जाती॥पत्नी, माँ रूपों में सेवा, फूल खिलाता नारी जीवन।देकर घर-भर को उजियारा, नित मुस्काता नारी जीवन…॥ संस्कार सब … Read more

कोयल मीठा गीत सुनाए

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* फागुन का है मस्त महीना,अब झूम रहे नर-नार सभी।हँसी-खुशी से जीवन बीते,सुख का हो अहसास अभी॥बीत चला है माह शीत का,लगे धूप भी अब अलसाए।लगती है ये धरा सुनहरी,कोयल मीठा गीत सुनाए…॥ कण-कण में यौवन छाया है,मस्ती भरी हवा बहती है।महक उठी है अमराई भी,हरी-भरी धरती कहती है॥पुष्प-पुष्प पर भ्रमर घूमता,मानो … Read more