देश के हालात

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* बादलों की है नुमाइश शुष्क झीलों के शहर में।चाँदनी करती तमाशा राख टीलों के शहर में॥ पाँव दल-दल में सभी के और आगे बढ़ रहे हैं,देश के कानून का आलेख उल्टा पढ रहे हैं।हाथ में भाला लिए हैं कुटिल भीलों के शहर में,बादलों की है नुमाइश शुष्क झीलों के शहर में…॥ … Read more

आज का इंसान

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* कलुषित करता मानवता को,बन रहा हैवान।मध्य पाप के घिरता जाता,आज का इंसान॥ लोभ मोह का लालच रखकर,भूलता सब कर्म,बना रहा वर्चस्व झूठ पर,त्यागता सब धर्म।भाई का दुश्मन भाई है,व्यर्थ करता शान,कलुषित करता मानवता को,बन रहा हैवान…॥ सत्य पथ का त्याग है करते,कपट छल से वार,दीन-दुखी की दुखित व्यथा पर,घात बारंबार।वर्तमान कलुषित … Read more

भ्रष्टाचार मिटाएं

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* बिगड़ रही है आज दशाएँ,बढ़ता भ्रष्टाचार है।मानवता को कलुषित करता,बाधित पथ उद्धार है॥ लोभ मोह के वश में मानुष,रिश्वत लेता शान से,तनिक नहीं वह क्षोभ करे है,हक छीने अभिमान से।शिक्षित दीनों के जीवन में,अध्ययन ही बेकार है,बिगड़ रही है आज दशाएँ,बढ़ता भ्रष्टाचार है…॥ नेता छलते आम मनुज को,रिश्वतखोरी ध्येय से,दीनों का … Read more

मोल कभी जान पाए नहीं

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* मोल सैनिक कभी जान पाये नहीं,फौज के नाम पर लग रहा है दड़ा।जीतकर युद्ध भी हम झुके हैं सदा,प्रश्न है ये बड़ा,प्रश्न है ये बड़ा ??? कारगिल युद्ध में जीत कैसी हुई,कौन कहता है कि युद्ध जीते हैं हम।पांच सौ से अधिक वीर खो के वहां,जीत के नाम पर खून पीते … Read more

किसी के प्यार ने…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** किसी के प्यार ने इस जिन्दगी का रुख ऐसे बदला।अगर वो आप हैं तो फिर मिले बिन ही कैसे बदला॥किसी के प्यार ने… खुशी होती बहुत मुझको,मिटी वर्षों की तन्हाई,कभी दु:ख भी हुआ करता,न किस्मत मिलने की पाई।मुझे भाता नहीं शिकवा,शिकायत हो तो किससे हो,करूँ भी क्या,भला अब मैं,बदलना … Read more

दादा-दादी की याद में…

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** दादा-दादी तुम्हें स्मरन करते हैं हम।श्राद्ध पक्ष में आज नमन करते हैं हम॥ खेद मुझे है देख न पाया तुम्हें कभी,आप तो थे पर मैं न कहीं था यहाँ तभी।तुम से ही जीवन पाया है दादी माँ,आज फला-फूला घर तुमसे दादी माँ॥ दादा-दादी तुम्हीं मूल इस तरुवर की,तुमसे ही हम फूल-पत्तियाँ … Read more

मन्नतों के धागे

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* मन्नतों के अनगिनत धागे मैंने बांध दिए…।रात के बाद प्रातः सूरज ने फिर सवाल किए॥ बादलों पर चित्र उकेरे और दिया संदेशा,आयेगा जवाब कोई मन में था अंदेशा।उम्मीद नाकाम हो रही उदास जिंदगी जिये।रात के बाद…॥ कितनी कही-अनकही बातों की साथ थी सरगम,यादों की अनगिनत लड़ियां भी साथ थी हरदम।खोज में ही … Read more

हे! बापू तुमने…

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* दोहे लिक्खूँ गाँधी तुझ पर,या रच दूँ मैं गीत।गाँधी बाबा तुम सचमुच थे,जन्मों के मनमीत॥ बिलख रही जब भारत माता,तुमने फर्ज़ निभाया।मार फिरंगी को लाठी से,तुमने दूर भगाया॥तुम में देशभाव व्यापक था,निभा गए तुम प्रीत।गाँधी बाबा तुम सचमुच थे,जन्मों के मनमीत…॥ अत्याचारों की आँधी को,तुमने बढ़कर रोका।सत्य,अहिंसा के नारों से,दुश्मन … Read more

अजर-अमर विभूति

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ दो अक्टूबर लाया भू पर,दो विभूतियां अजर-अमर।गूंजे नभ भूतल दोनों के,मिल कर विजय घोष के स्वर॥ किसके थे अवतार उभय गुरु,हमको अब भी ग्यात नहींकिन्तु अभी तक इस दिन जैसा,उर्मिल हुआ प्रभात नहीं।जन्म दिवस था या पृथ्वी पर,आये थे दो देव उतर॥ प्रथम पूज्य बापू ने आकर,दी जगती को दृष्टि नईकी मानव के … Read more

लावारिस

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* मैं हूँ लावारिस क्या मेरा,पैदा होना या मर जाना।सड़कों पर जीवन बीतेगा,ना मुझे किसी के घर जाना॥ नहीं कोई ऋतु वसंत यहाँ,सर पर है नभ की छत नीली।अंतड़िया भूखी सिकुड़ गयी,आँखों की पुतली है पीली॥ना जानू मैं क्यों आया हूँ,है कौन मुझे लाने वाला।आँधी से लोरी सुनता हूँ,लगती सूखी-सी या गीली॥कूड़े-करकट … Read more