मानवता का रंग
डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** जीवन हो निर्मल, भाषा अविरल, मृदुवाणी का, ध्यान धरें।मन होवे सुंदर, समता अंतर, मानवता का, मान करें॥छल और छलावा, व्यर्थ दिखावा, त्याग सभी जन, नित्य बढ़ें।जनहित कर जाएँ, जन मुस्काएँ, जीवन अनुपम, आप गढ़ें॥ गोरा अरु काला, हदय उजाला, जिसका होवे, मान करें।अंतर्मन जावें, भाव बनावें, रूप मोह से, सदा डरें॥ईष्या … Read more