है सुहाग बहुत बड़ा वरदान
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* हर नारी नित माँगती,कायम रहे सुहाग।युगों-युगों पलता रहे,जीवन में अनुराग॥ नारी करवा पूजकर,माँगे यह वरदान।हे! माता देना सदा,पति को जीवनदान॥ नारी की खुशियाँ तभी,जब तक संग सुहाग।बिन सुहाग फुफकारता,तन्हाई का नाग॥ काया का सौंदर्य भी,चाहे सदा सुहाग।वरना हर श्रृंगार तो,हो जाते बेराग॥ सचमुच में अभिशाप है,नारी,बिन सिंदूर।हो जाता उल्लास तब,नारी … Read more