राजनीति का धर्म या धर्म की राजनीति

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** धर्म का कार्य है लोगों को सदाचारी और प्रेममय बनाना और राजनीति का उद्देश्य है लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उनके हित में काम करनाl जब धर्म और राजनीति साथ-साथ नहीं चलते,तब हमें भ्रष्ट राजनीतिज्ञ और कपटी धार्मिक नेता मिलते हैंl एक धार्मिक व्यक्ति,जो सदाचारी और स्नेही है,अवश्य … Read more

काजल की कोठरी में उम्मीद की किरण

डाॅ.देवेन्द्र जोशी  उज्जैन(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** १७वीं लोकसभा के आम चुनाव में जहां नेताओं द्वारा एक-दूसरे के प्रति बदजुबानी,कटु व्यवहार और चरित्र हनन की एक से बढ़कर एक खबरें आए दिन मीडिया की सुर्खी बन रही है जिन्हें लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्त फटकार के बाद चुनाव आयोग का स्वतः संज्ञान जागा और योगी आदित्यनाथ,मायावती,आजम शेख और … Read more

जरूरत है राजनीतिक परिष्कार की

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* इन आम चुनावों में बड़े विरोधाभास दिख रहे हैं। एक बड़ा विरोधाभास है राजनीतिक घोषणाओं एवं आश्वासनों में,जो तमाम अंधेरों के बीच चांद उगाने की कोशिशें कर रहा है। इन सबके बीच आप और हम उन चार अंधों को मिले हाथी की तरह हैं,जो अपने मापदंडों के साथ अपना-अपना सच परखने … Read more

लोकतंत्र में मतदाता की भूमिका

शम्भूप्रसाद भट्ट `स्नेहिल’ पौड़ी(उत्तराखंड) ************************************************************** कहते हैं कि “लोकतंत्रीय शासन व्यवस्था अंतर्गत मतदाता देश का भाग्य विधाता होता है।” मतदाता के मत की शक्ति का आंकलन तब अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है,जब किसी प्रत्याशी को एक-एक मत की प्राप्ति या अप्राप्ति के कारण जीत या हार का सामना करना पड़ता है। इसलिए,कहा जा सकता है … Read more

चुनाव सुधार हेतु नया `सूरज` आवश्यक

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* लोकसभा चुनाव २०१९ की सरगर्मियां उग्र से उग्र होती जा रही है,राष्ट्र में आज ईमानदारी एवं निष्पक्षता हर क्षेत्र में अपेक्षित हैl चूँकि,अनेक गलत बातों की जड़ चुनाव है इसलिए वहां इसकी शुरूआत इस समय सर्वाधिक अपेक्षित है। बीते कुछ महीनों में चुनाव सुधार को लेकर देशभर में तमाम तरह की … Read more

हिंसक सत्ता की नाकामी

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** महावीर जयंती के अवसर पर हार्वर्ड कैनेडी स्कूल की एक रपट दुनिया के आंदोलनों पर छपी है। यह खोजपूर्ण रपट इस मुद्दे पर छपी है कि पिछले १०० वर्षों में कितने हिंसक आंदोलन सफल हुए हैं और कितने अहिंसक ? इसके मुताबिक ३६ प्रतिशत हिंसक आंदोलन सफल हुए हैं जबकि … Read more

कांग्रेस पर बांस की बोराई

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** राजस्थानी में कहावत है-‘केला,बिच्छी,केकड़ा वनस्पतियों में बांस,अपने जन्मे आप मरे या फिर सत्यानाश।’ यानि केला व बांस जिन्दगी में एक ही बार फल-फूल देते हैं और बांस के फूल अकाल या विपत्ति का संकेत हैं। चैत्र और वैशाख में वनस्पति जगत में बोराई यौवन पर है और देश की सबसे पुरानी … Read more

गैर राजनीतिक पकौड़ा

अशोक कुमार सेन ‘कुमार’ पाली(राजस्थान) ******************************************************************************** आज पकौड़े बनाना सीखा है,पर अब आप लोग यह मत बोल देना कि किसी दल विशेष का प्रचार कर रहा है। यह विशुद्ध गैर राजनीतिक पकौड़े हैं,जिनका एक मात्र उद्देश्य पेट की भूख शांत करना है। आजकल सरकार स्वरोजगार के नाम पर राजनीतिक सियासी आँच पर पकौड़े तलना,पंक्चर निकलना,मवेशी … Read more

हिन्दी की उपेक्षा को चुनावी मुद्दा बनाएं

ललित गर्ग दिल्ली ************************************************************** देश के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे चर्चित होने वाला आसन्न आम चुनाव क्या मुद्दाविहीनता,फूहड़ता,भाषाई अशिष्टता,निजी अपमान के लिये ही याद किया जायेगा ? सवाल है कि क्या हमारी राजनीतिक बिरादरी राष्ट्रीयता एवं राष्ट्रीय प्रतीकों से जुड़े किसी मुद्दे पर कोई सार्थक या गंभीर बहस छेड़ेंगी ? क्या लोकतंत्र का यह महापर्व … Read more

बेरोजगारी,मंहगाई की प्रगति बताएं प्रधानमंत्री

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** चुनाव २०१९ अपनी चरम सीमा पर है,और इस समय सब जगह भाषा की नीचता बहुत उच्चता पर हैl भाषा का स्तर इतना अधिक इतना गिर चुका है कि यह चुनाव विकास और योजनाओं पर न होकर गाली-गुफ़्ता पर होना चाहिएl गाली से मूल समस्याओं से ध्यान भटकाया जा सकता है,वैसे सब … Read more