चीन-भारत के बेहतर संबंधों से नयी विश्व संरचना संभव

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत पर अगर दुनिया भर की नजरें टिकी थीं तो यह उद्देश्यपूर्ण एवं वजहपूर्ण थी, क्योंकि बदलती दुनिया में हाथी और ड्रैगन का साथ-साथ चलना जरूरी हो गया है। दोनों शीर्ष नेताओं की … Read more

‘राधाष्टमी’ प्रेम के शाश्वत आदर्श का उत्सव

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** भारतीय संस्कृति में प्रेम का चरम रूप यदि कहीं मूर्त होता है, तो वह राधा और कृष्ण के संबंध में। जब हम राधाष्टमी के पावन अवसर पर राधा को स्मरण करते हैं, तो यह केवल किसी देवी के जन्म का उत्सव भर नहीं है, बल्कि यह प्रेम के उस शाश्वत … Read more

भारत-जापान दोस्ती से वैश्विक संतुलन की बेहतर कोशिश

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा केवल राजनयिक औपचारिकता नहीं, बल्कि इक्कीसवीं सदी की नई एशियाई शक्ति संरचना का संकेत है। यह यात्रा भारत और जापान के बीच ‘दोस्ती के नए दौर’ का आगाज है, जो वैश्विक व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक संतुलन पर गहरा असर डालेगी। प्रधानमंत्री ने भारत-जापान ज्वाइंट इकोनॉमिक फोरम … Read more

‘क्षमा’ कमजोरी नहीं, आत्म ‘अलंकार’

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** यह बिल्कुल सत्य है, कि क्षमा आत्मा का अलंकार है किंतु हर सिक्के के २ पहलू होते हैं। क्षमा करना बहुत अच्छी बात है, उससे रिश्ते मधुर बने रहते हैं लेकिन कभी-कभी हमारे शत्रु हमारे क्षमा भाव को हमारी कमजोरी भी समझ लेते हैं। क्षमा करना सहनशीलता और सहनशक्ति की निशानी है। … Read more

श्रेष्ठ विद्यार्थी और चिंतन के प्रतीक गणेश जी

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** गणेश जी के रूप में एक बहुत महत्वपूर्ण संदेश छिपा है। श्री गणेश के रूप में हमें एक श्रेष्ठ विद्यार्थी और चिंतक के दर्शन होते हैं। उनका स्वरुप मोहक है। सरल है, व्यापक भी है। उनकी व्याप्ति अनंत है। वे कलाकारों के प्रिय पात्र और बच्चों के प्रिय देवता हैं। वे जिज्ञासुओं … Read more

भारत चाहता है-युद्ध का नहीं, शांति का दौर बने

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** दुनिया आज एक ऐसे दौर से गुजर रही है, जहां युद्ध और हिंसा ने सभ्यता की प्रगति को खतरे में डाल दिया है। रूस-यूक्रेन संघर्ष इसके ताजे उदाहरण के रूप में हमारे सामने है। इस युद्ध ने न केवल यूरोप की स्थिरता को हिलाकर रख दिया है, बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था को … Read more

संसद:संवाद-काम कम, हंगामा अधिक, लोकतंत्र की मर्यादा तार-तार ?

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** लोकतंत्र की सबसे बड़ी पहचान उसकी संसद होती है। संसद वह संस्था है, जहां जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि राष्ट्र की नीतियों, योजनाओं और कानूनों पर विचार-विमर्श करते हैं। यह वह सर्वाेच्च मंच है जहाँ विभिन्न विचारधाराएं और दृष्टिकोण टकराते हैं और देशहित में समाधान निकलता है, लेकिन दुर्भाग्यवश आज भारतीय संसद … Read more

भारत की बुलंदी और सशक्त लोकतंत्र विश्व के लिए एक सबक

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ हमने आजादी के ७८ गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए हैं। १५ अगस्त हमारे लिए सिर्फ एक तारीख नहीं है, वरन् हमारे पूर्वजों के बलिदान, संघर्ष और अडिग संकल्प का अमिट प्रतीक है। २०४७ तक विकसित भारत के लक्ष्य को सामने रखते हुए हम सब नए इरादे और नई उम्मीदों के साथ आगे … Read more

चिंता छोड़ सार्थक चिंतन करें

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** यह तो हमें ही तय करना है, कि हम केवल चिंतन की चिंता करते रहें या उस पर कुछ अमल भी करें ? जो करना है, उसकी केवल चिंता करने से तो काम नहीं होगा। काम तो अमल करने से ही होगा। लोग ऐसे हैं, कि समस्या पर सिर्फ चिंता ही करते … Read more

रामघाट से अद्भुत जीवन दर्शन

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* गोदावरी के रामघाट पर मैं अक्सर जाता रहता हूँ, कितना विविधता भरा और अनोखा स्थल है यह। हमेशा से ही मुझे वहाँ गंगा-जमुनी तहजीब का साक्षात्कार होता आया है, साथ ही गजब का सांस्कृतिक समागम भी। गोदावरी का यह वही घाट है, जहाँ भगवान राम ने वनवास के दौरान पिता दशरथ … Read more