जीवन में सफलता का मन्त्र है सकारात्मक सोच

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** आमतौर पर लोग ये कहते हैं कि “हमने तो पूरी कोशिश कि,पर काम नहीं हुआ”,दरअसल अगर आप पूरी कोशिश करेंगे तो आप असफल होंगे ही नहीं। सपने हर कोई देखता है पर पूरा हर कोई नहीं कर पाता…जानते हैं क्यों ? क्योंकि कुछ लोग बस देखते हैं,सोचते हैं … Read more

गिरता मानव-घटती संस्कृति

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** मानव ईश्वर की श्रेष्ठतम रचना है। सभी जीवों में मानव ही एकमात्र ऐसा जीव है जो सटीक बोल सकता है,जिसके पास बुद्धि है,संवेदना है,भविष्य की सोंच है,निरंतर प्रगतिशील है। यही एकमात्र ऐसा है जो समाज में एक निश्चित नियमों का पालन करते हुए जीवन व्यतीत करता है। प्राचीनकाल … Read more

धर्म और विज्ञान का सहयोगी बनना जरुरी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** “जब-जब होई धरम की हानि, बाढ़ आई असुर अधम अभिमानी…” एक तरफ तो पुराण कुछ इस तरह से धर्म की व्याख्या करते हैं,जिसमें जप-तप,दान-सेवा का बड़ा महत्व है,किंतु गीता में- “यदा-यदा ही धर्मस्य…” जैसे श्लोकों के आधार पर कर्म को धर्म से भी श्रेष्ठ माना गया हैl इसमें कर्म … Read more

आधुनिकता की चकाचौंध में संस्कारों का `अन्तिम संस्कार`

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है,जहाँ सभी धर्मों को मानने वाले लोगों का बसेरा है एवं सभी जातियों व संप्रदायों के अनुयायी यहाँ निवासरत हैं। भारत देश प्राचीनकाल में ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था,क्योंकि यहाँ पर निवासरत समस्त लोगों में एकता और एकजुटता के प्रमुख गुण सहजता से … Read more