आमजन को कब मिलेगा हक ?

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** शहरातियत की धक्कम-पेल, ठेलम-ठेल, रेलम-रेल और तिकड़मबाजी तो आज से पहले खूब देखी और सुनी थी पर अस्पताल में भी ऐसा परिदृश्य होता होगा, कभी सोचा नहीं था। हर कोई बस इसी जद में लगा है कि मेरा नम्बर पहले लगना चाहिए। सब्र रखने का शायद किसी को वक्त ही नहीं … Read more

ये क्या कम है !

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** यदि आप नहीं होते तो…(शिक्षक दिवस विशेष)…. यदि आप नहीं होते तो आदर-सम्मान की परिभाषा कहाँ से सीख पाते एवं ज्ञानार्जन में वृद्धि भी नहीं हो पाती। जो सीखा गया है, उसका पालन करना चाहिए। बच्चों ने अपने शिक्षक का आदर-सम्मान भी करना चाहिए। ज्ञान में ही आदर-सम्मान जुड़ा होता है, जिसे … Read more

स्वर्ग होगा तो ऐसा ही होगा

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** केदारनाथ यात्रा… गगन को चीरती उतंग धवल पर्वत, पर्वतों के सीने चीर बहती अलकनन्दा, मंदाकिनी। उछलती, लपकती, छलकती गंगा, यमुना, बड़ी नदियों से जल्दी मिलने को आतुर कितनी छोटी नदियाँ, झरने, हिम नदियाँ। एक-दूसरे से ऊँचे होने की होड़ करते चीड़, देवदार, हिमालयन वृक्ष और पादप…।शब्दातीत, नैसर्गिक सुंदरता समेटे उत्तराखंड में पहुँच … Read more

दुर्दशा देख दिल रो दिया…

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (व द्वारिका-जहाँ भगवान कृष्ण और सुदामा की भेंट हुई थी) मंदिर के अंदर दुकानें सजी हुई थीं। पूजा की सामग्री बेची जा रही थी जिसके अलग-अलग दाम थे। अंदर बैठकर पूजा करने वालों के लिए हजार रूपए का पैकेट, जिसने बाहर से ही पूजा सामग्री चढ़वानी थी, उसका अलग।रैलिंग लगी … Read more

प्रभु के मार्ग

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ***************************** मेरा निजी व्यवसाय था,जिसके लिए अक्सर दूसरे शहरों में जाना पड़ता था। ज्यादातर निजी साधन (वाहन) से ही जाता था। २३ वर्ष पहले,उस दिन अम्बिकापुर जाने की चर्चा पत्नी से कर चुका था। अतः,पत्नी ने अगले दिन (१ अप्रैल १९९९) को यथावत कपड़े,टिफिन,वगैरह तैयार कर दिए। रात ९ बजे … Read more

सौतेली माँ

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** क्या बहुत बुरी होती है सौतेली माँ ?आर्थिक कमजोर घर की पढ़ी-लिखी,उम्रदराज सुघढ़ युवती,दस-बारह साल के धनाढ्य २ बेटे-बेटी की सौतेली माँ बन कर आती है।नाना-नानी मौसी मामा से गुरुमंत्र प्राप्त बच्चे,माँ नहीं उसे दुश्मन मानते हैं। उपेक्षा,अवहेलना,घृणा, झेलते घर की मुफ्त की नौकरानी बन जीती रही, जीती रही…। पहली पत्नी की … Read more

यशिका

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** सत्य घटना…. आज यशिका को स्कूल आए हुए कई दिन हो गए थे। मुझे आशंका हो रही थी कि कहीं उसकी तबियत ज्यादा ख़राब तो नहीं हो गई। उसका मासूमियत से भरा चेहरा बार-बार मेरी नज़रों के सामने आ रहा था। पता नहीं,उस नन्हीं-सी गुड़िया में ऐसा क्या था कि उसे देखे … Read more

सच्ची होली

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )… होली का त्यौहार मनाया जा रहा है। बच्चे,बूढ़े और जवान सभी के मन में होली की उमंग चरम सीमा पर पहुँच गई है। चारों ओर लोग एक-दूसरे को बधाईयाँ देते, गीत गाते हुए होली की खुशियाँ मना रहे हैं।प्रायः सभी लोग इसकी तैयारी वसंत … Read more

यात्रा और जीवन

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* आज से ७ वर्ष पहले एक बूढ़ा व्यक्ति रात्रि के ठीक १२ बजे के बाद किसी पशु के सिर व टाँगें लाकर दूर एक इमारत के गेट के समक्ष अच्छी-खासी मात्रा में प्लास्टिक के थैले से निकालकर डाल देता,और भूख से बेहाल श्वान उसके आगे-पीछे दुम हिला-हिला कर घूमते रहते। सही … Read more

पश्चिम से पुन: पूर्व की ओर…

शकुन्तला बहादुर कैलिफ़ोर्निया(अमेरिका) ********************************************************* विश्व हिंदी दिवस’ विशेष…. स्वर्ग में सभा जुटी थी। महर्षि पतंजलि उदास बैठे थे। योगिराज श्रीकृष्ण और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भी सभा में थे। तभी नारद मुनि आ पहुँचे। सबने अभिवादन किया। मुनि बोले, महर्षि पतंजलि! आप इतने उदास क्यों हैं ? ऋषि ने कहा-“क्या बताऊँ तुमको ? मैंने अपना योगदर्शन का … Read more