शराब…करे ख़राब

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ बिगड़ी दशा- जब से पी मदिरा, हो गया नशाl यह शराब- सबका ही जीवन, करे ख़राबl पी सोमरस- कहीं हो मत जाना, यों मदहोशl बुरी आदत- किसी को नहीं लगे, दारू की लतl दिन या रैन- मत पीयो शराब, आता न चैनl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम … Read more

सेना-दिवस-अभिनंदन…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ अभिनन्दन- सेना दिवस पर, कोटि वंदन। देश की शान- सेना सीमाओं पर, लुटाती जान। करो सम्मान- तिरंगे में लिपटा- वीर जवान। असीम शक्ति- कूट-कूट के भरी, राष्ट्र की भक्ति। जय जवान- बच्चा-बच्चा है गाता, गौरव गान। परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ … Read more

दस्तूर…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ कैसा दस्तूर- जिन्हें माना अपना, हो गये दूरl जग की रीति- खाया धोखा उनसे, जिनसे प्रीतिl पूछता कौन- प्राचीन परम्परा, क्यों हुई गौणl संस्कार भूले- छोड़ परम्पराएँ, ख्वाबों में झूलेl टूटी प्रथाएँ- दिलों में हैं दूरियाँ, रूठी आस्थाएँl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म … Read more

नूतन वर्ष..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ अभिनन्दन- नये वर्ष का करें, अभिवन्दनl सुहानी भोर- नवीन संकल्पों का, चला है दौरl नया है साल- दिलों पे छाओ करो, ऐसा कमालl नूतन वर्ष- सकल जगत का, होवे उत्कर्षl शुभकामना- पूरण हो सभी की, मनोभावनाl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ … Read more

राष्ट्र प्रेम…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ एक कामना- दिल में राष्ट्रप्रेम, की हो भावनाl    राष्ट्र ही शक्ति- देशहित मरना, राष्ट्र की भक्तिl    लुटाते जान- राष्ट्रप्रेम के लिए, सब कुर्बानl    देश है न्यारा- कभी झुक न पाये, तिरंगा प्याराl    राष्ट्र महान- अखण्डित भारत, देश की शानl  परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक … Read more

दर्द…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ धरना धीर- कोई नहीं समझे, मन की पीरl बेदर्द जहाँ- भीतर की पीड़ा को, समझे कहाँl शब्दों के तीर- करते हैं भीतर, घाव गम्भीरl सब हैं मौन- दिल की दिल में है, समझें कौन ? न हो अधीर- अच्छे दिन आयेंगे, लौट के फिरl परिचय-निर्मल कुमार जैन का … Read more

अंधविश्वास…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ टूटा विश्वास- मैंने जब भी किया अंधविश्वासl सब दिखावा- न कर अंधविश्वास एक छलावाl शिक्षा फैलाओ- पाखण्ड के विरूद्ध जागृति लाओl मन में खोट- अंधविश्वास पर करना चोटl दुनिया गोल- बाह्य आडम्बर की खोल तू पोलl परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ … Read more

बेबस बचपन

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* हृदय पीड़, बेबस बचपन… कैसे सुलझे ? श्रम करते, बेबस बचपन… सोचिए आपl कारण कई, बेबस बचपन… गरीबी भारीl पोषण करे, बेबस बचपन… परिवार काl जूठन धोए, बेबस बचपन… क्षुधा मिटायेl पढा़ई नहीं, बेबस बचपन… तड़पे देखl खेलना चाहे, बेबस बचपन… नयन नीरl सोचे समाज, बेबस बचपन… कैसे … Read more

निर्वाण…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ बताओ युक्ति- जन्म मृत्यु से कैसे मिलती मुक्ति। एक ही चाह- प्रभु शरण में हो मोक्ष की राह। धर्म का मर्म- होती केवल्य प्राप्ति शुभ हो कर्म। कई प्रमाण- काटो कर्म बन्धन मिले निर्वाण। मिलता यश- जन्म बंधन मुक्त मिले श्रेयस। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ … Read more

टेलीविजन

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ टेलीविजन- कहाँ क्या हो रहा है, सब बताताl टेलीविजन- घर बैठे जग की, सैर कराताl टेलीविजन- अमूल्य धरोहर, हमें दिखाताl टेलीविजन- ये जुल्म-गुनाह से, पर्दा उठाताl टेलीविजन- दुनिया का सामान्य, ज्ञान कराताl परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ मई १९६९ और जन्म … Read more