निर्मल कुमार जैन ‘नीर’
उदयपुर (राजस्थान)
************************************************************
उदयपुर (राजस्थान)
************************************************************
एक कामना-
दिल में राष्ट्रप्रेम,
की हो भावनाl
राष्ट्र ही शक्ति-
देशहित मरना,
राष्ट्र की भक्तिl
लुटाते जान-
राष्ट्रप्रेम के लिए,
सब कुर्बानl
देश है न्यारा-
कभी झुक न पाये,
तिरंगा प्याराl
राष्ट्र महान-
अखण्डित भारत,
देश की शानl
परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ मई १९६९ और जन्म स्थान-ऋषभदेव है। वर्तमान पता उदयपुर स्थित हिरणमगरी (राजस्थान)एवं स्थाई गोरजी फला ऋषभदेव जिला-उदयपुर(राज.)है। आपने हिंदी और संस्कृत में स्नातकोत्तर किया है। कार्य क्षेत्र-शिक्षक का है। सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में निरंतर सहभागिता करते हैं। श्री जैन की लेखन विधा-हाइकु,मुक्तक तथा गद्य काव्य है। लेखन में प्रेरणा पुंज-माता-पिता और धर्मपत्नी है। रचनाओं का प्रकाशन विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में हुआ है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा को समृद्ध व प्रचार-प्रसार करना है।