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सकारात्मकता का संचार करे,ऐसे साहित्य का सृजन करें

लोकार्पण……

इंदौर (मप्र)।

वर्तमान ‘कोरोना’ दौर में लोगों में इस महामारी को हराने का जज़्बा पैदा करें ऐसे साहित्य की समाज को जरुरत है। नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता का संचार करे,ऐसे साहित्य का सृजन करें।
यह बात डॉ. बूलाकार ने डॉ.स्वाति सिंह की पुस्तक ‘शब्द विहीन’ कविता संग्रह के अखंड संडे द्वारा आयोजित ऑनलाइन लोकार्पण अवसर पर कही। रायपुर से लेखिका पूर्णिमा कौशिक ने कहा कि इस संग्रह में आस्था से लेकर नारी के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित करती नारी मर्म को स्पर्श करती हुई कविताएँ हैं। महू से लेखिका तृप्ति मिश्रा ने कहा कि प्रकृति के बिंबों को समाज की विसंगतियों के साथ जोड़कर अद्भुत कविताएँ लिखी गईं हैं। सम्पादक मुकेश इन्दौरी ने कहा कि इस संग्रह में समाज में व्याप्त बुराइयों पर कुठाराघात करती हुई नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता का संचार करने वाली कविताएँ हैं।
कृतिकार डॉ. सिंह ने कहा कि इस संग्रह की कविताएँ मेरी अंतरात्मा का प्रतिबिंब हैं।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेई, डॉ. बनवारीलाल जाजोदिया,रविंद्र पहलवान, कार्तिकेय त्रिपाठी,निर्मला सिंह,डॉ.अर्चना श्रीवास्तव,चंद्रकला जैन,हंसा मेहता,डॉ.शशिकला अवस्थी,अर्पणा तिवारी,अचला गुप्ता एवं निरुपमा त्रिवेदी आदि ऑनलाइन उपस्थित रहे।

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