कुल पृष्ठ दर्शन : 139

ईश्वर के सबसे करीब होता है कर्मवीर

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’
ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर)

**************************************************

निस्संदेह कर्मवीर व्यक्ति ईश्वर के सबसे करीब होता है। बिल्कुल ऐसे जैसे गुरुदेव की आज्ञा का पालन करने वाला शिष्य गुरु के सबसे करीब होता है। उसके मन-मस्तिष्क में समाया रहता है। उसी प्रकार ईश्वर की आज्ञा का पालन करते हुए जो व्यक्ति ईश्वर को साक्षी मानकर कर्म करता है। उसका ईश्वर के करीब होना तय होता है। जैसे अर्जुन अपने गुरु और गीता उपदेशक यशोदानंदन श्रीकृष्ण जी के सबसे करीबी थे।
यही कारण है कि,कर्मवीर बड़ी से बड़ी विपत्ति से लेशमात्र भी घबराते नहीं हैं,बल्कि कर्मवीर विपत्तियों को ललकारते हुए परिणामों से डरे बिना उनसे भिड़ जाते हैं। चूंकि,जो व्यक्ति विपत्तियों का सामना करने से डर जाते हैं। उन्हें कर्मवीर ही नहीं कहा जाता,क्योंकि कर्मवीर कर्म करने पर विश्वास रखते हैं। वह कठिन से कठिन कार्यों में भी भाग्य के भरोसे नहीं बैठे रहते और भाग्य से उपजे दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने तक संघर्षरत रहते हैं। इसी संघर्ष को कर्मवीर की पहचान माना गया है।
ईश्वर ने व्यक्ति को कर्म करने की खुली छूट दे रखी है। वह कर्मभूमि पर चाहे तो सुकर्म करे अथवा कुकर्म,परंतु कर्मवीर की उपाधि मात्र सुकर्मी को प्राप्त होती है। जो निस्वार्थ मानव जाति की सेवा करे,जिसमें मानवता हो और कीड़े-मकोड़ों से लेकर राष्ट्रसेवा पर प्राण न्यौछावर करते हुए सुकर्म करने में सक्षम हो।
गीता उपदेश में भी कर्मों को ही प्रधान माना गया है,और जो ईश्वर के उपदेश को मानते हुए सुकर्म करेगा,वह कर्मवीर व्यक्ति अवश्य ईश्वर के सबसे करीब होगा।

परिचय–इंदु भूषण बाली का साहित्यिक उपनाम `परवाज़ मनावरी`हैL इनकी जन्म तारीख २० सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-मनावर(वर्तमान पाकिस्तान में)हैL वर्तमान और स्थाई निवास तहसील ज्यौड़ियां,जिला-जम्मू(जम्मू कश्मीर)हैL राज्य जम्मू-कश्मीर के श्री बाली की शिक्षा-पी.यू.सी. और शिरोमणि हैL कार्यक्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों से लड़ना व आलोचना है,हालाँकि एसएसबी विभाग से सेवानिवृत्त हैंL सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप पत्रकार,समाजसेवक, लेखक एवं भारत के राष्ट्रपति पद के पूर्व प्रत्याशी रहे हैंL आपकी लेखन विधा-लघुकथा,ग़ज़ल,लेख,व्यंग्य और आलोचना इत्यादि हैL प्रकाशन में आपके खाते में ७ पुस्तकें(व्हेयर इज कांस्टिट्यूशन ? लॉ एन्ड जस्टिस ?(अंग्रेजी),कड़वे सच,मुझे न्याय दो(हिंदी) तथा डोगरी में फिट्’टे मुँह तुंदा आदि)हैंL कई अख़बारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंL लेखन के लिए कुछ सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैंL अपने जीवन में विशेष उपलब्धि-अनंत मानने वाले परवाज़ मनावरी की लेखनी का उद्देश्य-भ्रष्टाचार से मुक्ति हैL प्रेरणा पुंज-राष्ट्रभक्ति है तो विशेषज्ञता-संविधानिक संघर्ष एवं राष्ट्रप्रेम में जीवन समर्पित है।

Leave a Reply